दुनिया

पाकिस्तान की मुश्किलें नहीं हो रही कम, बर्बादी के कगार पर देश

नई दिल्ली : पाकिस्तान की बर्बाद होती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए IMF (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) की एक टीम पाकिस्तान में पिछले कई दिनों से है. 9 फरवरी को उसका दौरा समाप्त हो रहा है. लंबी बातचीत के बाद भी पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच बेलआउट पैकेज को लेकर फिलहाल कोई सहमति नहीं बन पाई है और दोनों पक्षों के बीच गतिरोध जारी है. पाकिस्तान के एक अधिकारी का कहना है कि उनकी सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से हिम्मत के साथ डील कर रही है.

ऐसा माना जा रहा था कि बातचीत खत्म होने से एक दिन पहले यानी बुधवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष बेलआउट पैकेज का ड्राफ्ट पाकिस्तान को सौंप देगी लेकिन अभी तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने ऐसा नहीं किया है.

पाकिस्तान और IMF के बीच जारी गतिरोध

दोनों पक्षों के बीच राजकोषीय घाटे और विदेशी फंड के स्रोतों को लेकर असहमती हैं.अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष राजकोषीय घाटा निर्धारित किया है. जिस पर पाकिस्तान को आपत्ति है. पाकिस्तान का कहना है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उसे हर चीज पर अधिक टैक्स लगाना पड़ेगा.

वित्त मंत्री क्या बोलें

पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने को कहा कि उनकी सरकार और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच 7 अरब डॉलर के लोन प्रोग्राम की 9वीं समीक्षा पूरी होने से संबंधित मामले आज सुलझने की उम्मीद है. राजधानी में पत्रकारों ने डार से पूछा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ बातचीत कहां तक पहुंची है जिसके जवाब में इशाक डार ने कहा सब कुछ ठीक चल रहा है.अभी बातचीत का फाइनल राउंड चल रहा है. मैं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की टीम से हर दिन मिलता हूं और आज भी मिलूंगा. उम्मीद है कि मामले आज सुलझ जाएंगे. हम आपको बहुत जल्द इसकी सूचना देंगे.

पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष प्रोग्राम में जाना बेहद जरूरी है. अगर दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बनी तो पाकिस्तान डिफॉल्ट हो जाएगा और सालों तक इससे उबर नहीं पाएगा. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष प्रोग्राम में जाने के बाद पाकिस्तान को मित्र देशों और विश्व बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से भी कर्ज मिलने में आसानी होगी.

IMF ने रखी है कड़ी शर्त

पाकिस्तान पीएम शहबाज शरीफ ने कहा था कि आईएमएफ का शर्तों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है उसकी कल्पना भी हम नहीं कर सकते है.

शर्तों को लेकर चिंतित पीएम शहबाज शरीफ ने कहा था कि उनके पास अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष बेलआउट पैकेज को स्वीकार करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था. पाकिस्तान की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की कुछ शर्तों को देश में लागू किया है जिसके बाद से देश में महंगाई तेजी से बढ़ी है.

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Vivek Kumar Roy

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