नई दिल्ली: पाकिस्तान की संसद ने देश की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए सेना कानून में संशोधन कर दिया है. इस संसोधन को पिछले सप्ताह सदन की पटल पर रखा गया था. विधेयक को सोमवार को पाकिस्तान की संसद द्वारा सेना अधिनियम 1952 में संसोधन करते हुए पास कर दिया गया. दोनों सदन से विधेयक पास होने के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के पास हस्ताक्षर के लिए भेज दिया गया है. बता दें अगर राष्ट्रपति इस पर हस्ताक्षर कर देते हैं तो यह कानून बन जायेगा. इस संसोधन के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया है कि सुरक्षा से सम्बंधित किसी भी जानकारी को यदि सार्वजनिक किया जाता है तो 5 साल की जेल की सजा होगी.
पाकिस्तान की संसद के द्वारा पाकिस्तान सेना संशोधन अधिनियम-2023 में धारा 26-A जोड़ने का प्रस्ताव दिया गया है. 26-A के तहत ही यह प्रावधान किया गया है की कोई भी व्यक्ति यदि किसी संवेदनशील जानकारी को उजागर करता है तो उसे 5 साल की जेल की सजा दी जाएगी. साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि सेना के उच्च अधिकारी की अनुमति से ऐसा किया जाता है तो किसी भी तरह की सजा नहीं होगी.
संसद ने 26-A के साथ 26-B को भी जोड़ा है. 26-B से जुड़े कानून के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति पाकिस्तान में निष्कासन, सेवानिवृत्ति, सेवामुक्ति, इस्तीफा, की तारीख से दो साल तक किसी भी राजनीतिक पार्टी या गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता है.
संवेदनशील जानकारी उजागर करने के मामले के आलावा ये बिल, पाकिस्तान में दोहरी नागरिकता वाले व्यक्तियों को सेना की कमान सौपने से रोकता है. बता दें पाकिस्तान में दोहरी नागरिकता लेने का भी प्रावधान है.
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