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China: पाकिस्‍तान को उसके दोस्त चीन ने लगाया अरबों का चूना, बिजली कंपनियों के साथ की हेराफेरी

नई दिल्ली: पाकिस्तान का करीबी दोस्त चीन अब उसको भी चूना लगा रहा है. मामला बिजली कंपनियों के साथ की हेराफेरी का है. बता दें कि पाकिस्तान के नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी (नेप्रा) चीन की बिजली कंपनी के धोखाधड़ी को उजागर किया है. दरअसल चीनी कंपनियां जो पाकिस्तान में कोयले से बिजली का उत्पादन […]

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China: पाकिस्‍तान को उसके दोस्त चीन ने लगाया अरबों का चूना, बिजली कंपनियों के साथ की हेराफेरी
  • September 23, 2023 1:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: पाकिस्तान का करीबी दोस्त चीन अब उसको भी चूना लगा रहा है. मामला बिजली कंपनियों के साथ की हेराफेरी का है. बता दें कि पाकिस्तान के नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी (नेप्रा) चीन की बिजली कंपनी के धोखाधड़ी को उजागर किया है. दरअसल चीनी कंपनियां जो पाकिस्तान में कोयले से बिजली का उत्पादन कर रही हैं वो कंपनिया घटिया स्तर के कोयले का प्रयोग कर रही हैं. जो मानक के अनुरूप नहीं है. इससे पाकिस्तान में बिजली का उत्पादन भी कम हो रहा है साथ ही घटिया स्तर का कोयला लगाकर ये चीनी कंपनिया पाकिस्तान के लोगों से भारी मुनाफा कमा रही हैं. नेप्रा ने दावा किया है कि इन कंपनियों ने अभी तक पाकिस्तान को अरबों रुपए का चूना लगे है.

सार्वजनिक सुनवाई के दौरान हुआ खुलासा

चीनी कंपनियां पाकिस्तान में भारी लूट मचा रही हैं. इसका खुलासा नेप्रा की एक मौजूदा तंत्र की समीक्षा की सार्वजनिक सुनवाई के दौरान हुआ. साल 2016 में इसे आखिरी बार संशोधित किया गया था. यह व्यवस्था कोयले की उत्पादन और ताप मूल्य पर आधारित है. जिसे साल 2014 में कोयला की कीमतों का निर्धारण करने के लिए नेप्रा ने अनुमोदित किया था. बता दें कि इस सार्वजनिक सुनवाई का नेतृत्व नेप्रा के अध्यक्ष वसीम मुख्तार ने किया.

पाकिस्तान पर है अरबों रुपये का कर्ज

चीन से कर्ज में मिले पैसों से पाकिस्तान ने कोयला से संचालित होने वाले 6 हजार मेगावाट का बिजली उत्पादन संयंत्रों को स्थापित किया है. इन संयंत्रों को चीन की कंपनियां संभालती हैं साथ ही उसके लिए कोयले का आयात भी करती हैं. बता दें कि इन विद्युत संयत्र के लिए पाकिस्तान को 643 अरब रूपया कर्ज चुकाना है. पाकिस्तान पहले से ही गरीबी की मार झेल रहा है ऐसे में वर्तमान के इस संकट ने अर्थव्यवस्था को और कमजोर कर दिया है. ऐसे में चीन के कर्जों को चुकाना पाकिस्तान के लिए भारी पड़ रहा है.

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