नई दिल्ली. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस, आईसीजे ने कुलभूषण जाधव केस में बुधवार को अपना फैसला सुनाया. अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत ने इस मामले में पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है. कुलभूषण जाधव केस में आए इस फैसले में भारत की बड़ी जीत हुई है. आईसीजे ने आदेश दिया कि कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने के फैसले पर पाकिस्तान प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करे. साथ ही इंटरनेशनल कोर्ट ने पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी के बाद विएना संधि के अंतर्गत कांसुलर एक्सेस नहीं दिए जाने पर भी आपत्ति जताई. कोर्ट के इस फैसले से भारतीय फैंस में खुशी की लहर है और भारत सरकार समेत सभी लोगों ने इसका स्वागत किया है. दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत से फटकार मिलने के बावजूद पाकिस्तान बेशर्मी पर उतर आया है. पाक सरकार और पाकिस्तानी मीडिया अपनी इज्जत बचाने के लिए कुलभूषण जाधव मामले में आए आईसीजे के फैसले पर खुद की जीत बताने की कोशिश कर रहा है.
वहीं पाकिस्तान की इमरान खान सरकार भी कुलभूषण मामले में अपनी विजय मान रही है. पाकिस्तान सरकार का कहना है कि आईसीजे ने भारत की ओर से दायर कुलभूषण जाधव की रिहाई की मांग को खारिज कर दिया है, यह पाक के लिए बड़ी जीत है.
हालांकि यह सच है कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कुलभूषण जाधव की रिहाई की मांग को खारिज किया है लेकिन कोर्ट ने कुलभूषण को फांसी की सजा सुनाने के फैसले पर पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाते हुए इसकी प्रभावी समीक्षा के साथ ही पुनर्विचार करने का आदेश दिया है.
कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें विएना संधि के आर्टिकल 36 के अंतर्गत कांसुलर एक्सेस दिया जाना था जो कि पाकिस्तान ने नहीं दिया, इस पर भी कोर्ट ने आपत्ति जताई और कहा कि पाकिस्तान नियमों के मुताबिक कुलभूषण को कांसुलर एक्सेस दे.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने भी बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आईसीजे के फैसले को पाकिस्तान की बड़ी और नैतिक जीत बताया. कुरैशी ने कहा कि कुलभूषण जाधव एक इंडियन नैवी ऑफिसर थे जो कि खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करते थे, अब वो पाकिस्तान में ही रहेंगे और पाकिस्तान के कानून के अनुसार ही उन पर कार्रवाई की जाएगी.
इस तरह से देखा जाए तो आईसीजे में निर्लज्जता झेल चुके पाकिस्तान के सत्ताधारी नेता खुद की बेशर्मी छुपाने के लिए अपने हिसाब से कोर्ट के फैसले की व्याख्या कर रहे हैं. हालांकि पाक फॉरेन ऑफिस ने बयान जारी कर कहा है कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र का एक जिम्मेदार सदस्य है और आईसीजे के फैसले का स्वागत करता है. कुलभूषण जाधव मामले में कोर्ट ने जो भी फैसला सुनाया है पाकिस्तान उसी अनुसार आगे की कार्यवाही करेगा और अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक चलेगा.
पाकिस्तान के मशहूर अखबार डॉन ने अपनी न्यूज वेबसाइट पर खबर छापी, जिसकी हैडिंग है्- ‘आईसीजे ने कुलभूषण जाधव को रिहा करने के लिए भारत की ओर से दायर अर्जी की खारिज’ हैडिंग से खबर छापी है. डॉन का कहना है कि आईसीजे ने कुलभूषण जाधव को मौत की सजा के फैसले पर पाकिस्तान को समीक्षा और पुनर्विचार करने का फैसला सुनाने के साथ ही जाधव को कांसुलर एक्सेस देने की बात कही है. डॉन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इसके अलावा आईसीजे ने भारत की सभी दलीलों को खारिज कर दिया है, जिसमें जाधव केस का मिलट्री कोर्ट में ट्रायल नहीं करने और रिहाई करने जैसी मांगें शामिल थीं.
पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट द न्यूज ने अपनी खबर में लिखा कि आईसीजे ने कुलभूषण जाधव को निर्दोष साबित करने, रिहाई करने और वतन वापसी करने की भारत की मांग को ठुकरा दिया है. हालांकि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को कांसुलर एक्सेस देने का फैसला सुनाया है.
पाकिस्तान के अखबार ट्रिब्यून ने लिखा कि कूलभूषण जाधव ने स्वीकार किया था कि वे जासूस हैं. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कुलभूषण को निर्दोष साबित करने और उनकी रिहाई की मांग को खारिज कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि कुलभूषण जाधव को कांसुलर एक्सेस दिया जाए.
पाकिस्तान टूडे अखबार ने अपने फ्रंट पेज पर ‘India Served Raw Justice‘ हेडलाइन के साथ खबर छापी है. जिसमें उसका कहना है कि कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान की भारत पर जीत हुई है. आईसीजे ने भारत की ओर से दायर रिहाई की अर्जी खारिज कर दी है. साथ ही पाकिस्तान टूडे ने पाक फॉरेन ऑफिस के हवाले से लिखा है कि यह स्पष्ट रूप से भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे आतंकवाद का मामला है.
पाकिस्तान के द नेशन अखबार ने पाक विदेश मंत्री महमदू कुरैशी के हवाले से खबर छापी है कि कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान की नैतिक जीत हुई है. कुरैशी का कहना है कि आईसीजे ने कुलभूषण जाधव केस में फिर से ट्रायल चलाने और रिहाई करने की भारत की मांग को ठुकरा दिया है.
पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट द फ्रंटियर पोस्ट ने आईएसपीआर के डायरेक्टर जनरल आसिफ गफूर के हवाले से खबर चलाई है कि आईसीजे ने कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान के पक्ष को स्वीकर कर भारत की दलीलों को खारिज कर दिया है. गफूर का कहना है कि भारत ने आईसीजे में कुलभूषण को निर्दोष करार देने और उनकी रिहाई करने की मांग की थी, जिसे आईसीजे ने ठुकरा दिया है.
कुल मिलाकर पाकिस्तान के सभी प्रमुख अखबारों और न्यूज वेबसाइट का यही मानना है कि कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान की जीत हुई है. हालांकि वे ये भी स्वीकर कर रहे हैं कि आईसीजे ने उन्हें फांसी की सजा दिए जाने के फैसले पर प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करने के साथ ही कांसुलर एक्सेस देने का आदेश दिया है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के फैसले को वे अपने हिसाब से मतलब निकाल रहे हैं. क्योंकि भले ही कोर्ट ने कुलभूषण की रिहाई की बात नहीं कही लेकिन इस केस में पाकिस्तान के विएना संधि के अंतर्गत कांसुलर एक्सेस नहीं दिए जाने पर कड़ी फटकार लगाई है.
कोर्ट के इस फैसले से पाकिस्तान की वैश्विक स्तर छीछालेदर हुई है लेकिन फिर भी वह इसे अपनी बड़ी जीत साबित करने की कोशिश कर रहा है. दूसरी तरफ पाक मीडिया भी वहां की सरकार की जुबानी बोलते हुए इस फैसले को अपने पक्ष में ढालने का प्रयास कर रही है, ताकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान खुद की बेइज्जती करवाने से बच सके.
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