नई दिल्ली। गाजा पर डोनाल्ड ट्रंप के कब्जा करने की बात पर दुनिया में खलबल मच गई है। बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप के इस फैसले का समर्थन किया है। वहीं हमास समेत कई इस्लामिक देश ट्रंप के एस फैसले से भड़क गए हैं। अब पाकिस्तान के जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई) के नेता मौलाना फजलुर रहमान ने इस मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कड़ी आलोचना की है। इतना ही नहीं मौलाना ने तो ट्रंप को चेतावनी भी दी है।
मौलाना फजलुर रहमान ने ट्रंप के फिलिस्तीनियों को दूसरी जगह बसाने के सुझाव को एक भयानक साजिश बताया। उनके मुताबिक, यह प्रस्ताव मुस्लिम दुनिया के अधिकारों को कमजोर करने और गाजा पर इजरायल के कब्जे को सुरक्षित करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि कोई भी ताकत गाजा पर कब्जा नहीं कर सकती और मुसलमान हमेशा फिलिस्तीनियों के साथ खड़े रहेंगे। रहमान का मानना है कि ट्रंप का प्रस्ताव केवल फिलिस्तीनियों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि पूरे मुस्लिम जगत के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी नीतियां जानबूझकर मुस्लिम बहुल देशों को अस्थिर करने और दबाने के लिए बनाई गई हैं।
रहमान ने कहा कि फिलिस्तीनी अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और यह संघर्ष उनकी आजादी की लड़ाई है। गाजा संघर्ष को उन्होंने न्याय और स्वतंत्रता की लड़ाई करार दिया। रहमान के मुताबिक, पिछले 15 महीनों में 50,000 से अधिक फिलिस्तीनी शहीद हुए हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। उन्होंने इन हमलों को मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया। रहमान ने ट्रंप की विदेश नीति की कड़ी आलोचना की और उन्हें अफगानिस्तान में अमेरिका की विफलता की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि बीस साल की लड़ाई के बावजूद अमेरिका को वहां हार माननी पड़ी। रहमान ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका और उसके सहयोगी गाजा में अपनी नीतियां जारी रखते हैं, तो उन्हें भी यही परिणाम भुगतने होंगे।
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