नई दिल्ली। पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रान्त बलूचिस्तान सरकार की उपेक्षा का शिकार है। प्राकृतिक संसाधनों की भरमार के बाद भी बलूचिस्तान की हमेशा अनदेखी हुई। यह उसकी बदनसीबी है कि पाकिस्तान जैसे मुल्क का वह हिस्सा है। बंटवारे के बाद से बलूचिस्तान में एक भी विकास कार्य नहीं हुआ है। पाकिस्तान ने अपनी दमनकारी नीतियों से वहाँ के लोगों पर अत्याचार किया। उनके साथ ज्यादतियां की गई। यहीं वजहों से अब अलग बलूचिस्तान मुल्क की मांग होने लगी है।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी हिंसा के सहारे आजादी की मांग कर रही तो दूसरी दूसरी तरफ बलूच महिलाएं विद्रोह का नया आवाज बनकर आमने आई हैं। बीते रविवार को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने तांडव मचा दिया। इस संगठन ने 10 से ज्यादा इलाकों में हमला कर दिया। BLA के हमले में पाकिस्तानी नागरिक, पुलिस और सेना के जवान समेत 70 लोगों की जान चली गई। इस हमले में पूरे पाकिस्तान को हिला कर रख दिया।
बलोच विद्रोह और आजाद बलूचिस्तान के संघर्ष के सबसे बड़े नेता रहे अकबर बुगती की बरसी पर BLA ने पाकिस्तानी हुकूमत को बड़ा झटका दिया। बुगती के बेटे नवाबजादा जमील अकबर बुगती ने साफ कर दिया है कि आने वाले समय में आजाद बलूचिस्तान के लिए विद्रोह और तेज हो जायेगा। बरसों से चल रहे संघर्ष को अब अंजाम तक पहुँचाने का समय आ गया है। इसके लिए बलोच महिलाएं भी मैदान में आ चुकी हैं।
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