नई दिल्ली। पाकिस्तान में आर्थिक बदहाली के बीच पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने सेना व न्यायपालिका के खिलाफ विपक्ष द्वारा लगातार हो रहे हमलों के बीच नया विधेयक तैयार किया है, विधेयक में सेना और न्यायपालिका के खिलाफ गलत बयानबाजी करने पर पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। यह विधेयक पाकिस्तान दंड […]
नई दिल्ली। पाकिस्तान में आर्थिक बदहाली के बीच पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने सेना व न्यायपालिका के खिलाफ विपक्ष द्वारा लगातार हो रहे हमलों के बीच नया विधेयक तैयार किया है, विधेयक में सेना और न्यायपालिका के खिलाफ गलत बयानबाजी करने पर पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। यह विधेयक पाकिस्तान दंड संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता में संशोधन की अनुमति देता है। बता दें, इस विधेयक को जल्द ही कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। ये विधेयक नया आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2023, पीपीसी 1860 में धारा 500 के बाद एक नई धारा 500A का सुझाव देता है।
विधेयक के पक्ष में सरकार द्वारा दिए गए तर्क में कहा गया है कि हाल के दिनों में देश में न्यायपालिका और सशस्त्र बलों पर हमले बढ़ गए हैं। महत्वपूर्ण राज्य संस्थानों और उनके अधिकारियों के खिलाफ नफरत फैलाने के उद्देश्य से जानबूझ कर साइबर अभियान शुरू किया जा रहा है। ऐसे में इस तरह के हमलों के कारण देश की अखंडता, स्थिरता और स्वतंत्रता को खतरा हो सकता है।
नए बिल के आने के बाद से ही शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूटा रहा है, लोगों ने सरकार के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हाल ही में पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर सेना की भरपूर आलोचना हो रही है, खासकर इमरान खान के समर्थकों ने देश की बर्बाद स्थिति के लिए सीधे तौर पर सेना को जिम्मेदार बताया है। इमरान खान खुद पाकिस्तान की विदेश नीति को भारत की विदेश नीति की तुलना में खराब बताते हुए सेना के ऊपर सवाल खड़े करते आए है।
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