नई दिल्ली: 75 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब पाकिस्तान को अपना हज कोटा सऊदी अरब को वापस करना पड़ रहा हो. आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को इस साल बेहद कम संख्या में आवेदन मिले हैं. इसे देखते हुए पाकिस्तान सरकार को ये फैसला लेना पड़ा है. […]
नई दिल्ली: 75 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब पाकिस्तान को अपना हज कोटा सऊदी अरब को वापस करना पड़ रहा हो. आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को इस साल बेहद कम संख्या में आवेदन मिले हैं. इसे देखते हुए पाकिस्तान सरकार को ये फैसला लेना पड़ा है. भारी महंगाई से परेशान और दाने-दाने को मोहताज पाकिस्तान सरकार इस समय विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रही है. ऐसे में इस फैसले से पाकिस्तान सरकार को करोड़ों डॉलर्स बचाने में मदद मिलेगी.
पाकिस्तान के एक स्थानीय अखबार के अनुसार इस खबर की पुष्टि धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने की है. जानकारी के अनुसार आठ हजार सरकारी योजना कोटा वापस कर दिया गया है. इस कदम का उद्देश्य देश के 2.4 करोड़ रुपयों की बचत करना है. यदि ये फैसला नहीं लिया जाता तो हज जाने वाले लोगों के रहने के लिए सरकार को यह अतिरिक्त राशि सब्सिडी के रूप में देनी पड़ती. लेकिन अब पाकिस्तान की सरकार बचे हुए कोटे को वापस कर ये पैसे बचा सकती है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान की सरकार ने हज जाने वाले आवेदकों के लिए लकी ड्रॉ सिस्टम न होने की घोषणा पहले ही कर दी थी. हर साल आवेदकों की संख्या अधिक होने की वजह से आवंटित कोटा से अधिक लोगों के बीच सरकार लकी ड्रॉ से नाम तय करती थी. हालांकि पाकिस्तान की सरकार लगातार ये मांग भी कर रही थी कि सऊदी अरब मक्का में हज के लिए पाकिस्तान के हज कोटे को बढ़ाया जाए. लेकिन अब तो पाकिस्तान ने अपने आवंटित कोटे को ही वापस ले लिया है. वहीं लंबे समय बाद इस साल पाकिस्तान को हज के लिए पूरा कोटा भी मिलने जा रहा था.
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