नई दिल्ली: पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है। इसमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के शामिल होने की संभावना है. भारत भी SCO का सदस्य है और इस्लामाबाद में होने वाली इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. वहीं चीन और रूस जैसे देश भी इसके सदस्य हैं।
अब पड़ोसी देश पाकिस्तान से बड़ी खबर आ रही है. हालांकि इस्लामाबाद में एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले सेना तैनात करने का फैसला किया गया है. शहर की सुरक्षा में सेना के जवान अहम भूमिका निभाएंगे. इसको लेकर सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया है. पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान इस्लामाबाद में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना तैनात करने का निर्नय लिया है। वहीं पाकिस्तान पहली बार 15-16 अक्टूबर को इस शिखर बैठक की मेजबानी करने जा रहा है.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, सेना तैनात करने का फैसला संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत लिया गया है, जो सरकार को शांति बनाए रखने में नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना तैनात करने का अधिकार देता है. मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने 5 से 17 अक्टूबर तक राजधानी इस्लामाबाद में सेना तैनात करने का फैसला किया है. हालांकि सरकारी आदेश के मुताबिक, इस्लामाबाद में प्रमुख सरकारी इमारतों और संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना को दी गई है. राजधानी में पहले से ही पाकिस्तानी रेंजर्स के जवान तैनात कर दिए गए हैं. वहीं इसके बावजूद भी एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत की जाएगी. जिसके लिए और सेना तैनात कर दिए जाएंगे.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने इस आयोजन की तैयारी पूरी कर ली है, जिसमें एससीओ के 8 सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधिमंडल भी भाग लेंगे. वही पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स, फ्रंटियर कोर (एफसी) और पंजाब पुलिस के अतिरिक्त जवानों को भी तैनात किया जाएगा।
हालांकि पाकिस्तान ने यह फैसला तब लिया जब विदेश मंत्री एस जयशंकर के शासनाध्यक्षों की परिषद (एससीओ-सीएचजी) की बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान जाने की घोषणा के बीच लिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि विदेश मंत्री 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए हमारे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे.
हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि जयशंकर इस बैठक से इतर पाकिस्तान के किसी नेता से मुलाकात करेंगे या नहीं. लगभग एक दशक में किसी भारतीय विदेश मंत्री की यह पहली पाकिस्तान यात्रा होगी. एससीओ का गठन वर्ष 2001 में किया गया था। इसका उद्देश्य क्षेत्र में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है।
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