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पाकिस्तान के एक गांव में खुद का है संविधान, कानून इतने कड़े छूट जाते है अच्छे-अच्छों के पसीने

नई दिल्ली: हर देश का अपना संविधान और अपने नियम-कानून होते हैं, लेकिन पाकिस्तान में एक ऐसा गांव है जहां देश का संविधान लागू नहीं होता। इस गांव का अपना संविधान और अपने नियम-कायदे हैं। यह गांव अपनी अनोखी पहचान और कानूनों के लिए जाना जाता है। हालाँकि, यहाँ के नियम और कानून बहुत सख्त […]

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Pakistan village inhas its own constitution the laws are so strict that even the good ones lose their temper viral news
  • November 14, 2024 3:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: हर देश का अपना संविधान और अपने नियम-कानून होते हैं, लेकिन पाकिस्तान में एक ऐसा गांव है जहां देश का संविधान लागू नहीं होता। इस गांव का अपना संविधान और अपने नियम-कायदे हैं। यह गांव अपनी अनोखी पहचान और कानूनों के लिए जाना जाता है। हालाँकि, यहाँ के नियम और कानून बहुत सख्त हैं और यहाँ रहने वाले लोगों को उनका पालन करना पड़ता है।

 

एक छोटा सा गाँव

 

ऐसे में आइए जानते हैं इस गांव और इसके नियम-कायदों के बारे में। यह गांव सदियों से अपनी अनोखी परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन करता आ रहा है। दरअसल हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के अंसार मीना गांव की। अंसार मीरा एक छोटा सा गाँव है, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। यह गांव अपने अनोखे प्रशासन और सख्त कानूनों के कारण हमेशा चर्चा में रहता है। यहां के लोग अपने जीवन के हर पहलू को एक विशेष संविधान के तहत नियंत्रित करते हैं, जो पूरी तरह से स्थानीय ग्राम नेताओं द्वारा बनाया और लागू किया जाता है।

 

प्रतिबंध लगा दिया गया

 

यह एक प्रकार का स्वशासन है, जहाँ राज्य या सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। गाँव के लोग अपनी आर्थिक गतिविधियाँ, सामाजिक संरचनाएँ और सांस्कृतिक परंपराएँ अपने संविधान के अनुसार चलाते हैं। इसके अलावा गांव में रहने वाले लोग यहां के सख्त कानूनों का पालन करते हैं, जो उनके लिए सुरक्षा और शांति का प्रतीक है।
अंसार मीना गांव में ग्रामीणों से बातचीत और सभी की राय लेने के बाद 20 सूत्रीय संविधान लागू किया गया है. जिसमें दहेज प्रथा, हवाई फायरिंग, छात्रों के स्मार्ट फोन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके बाद शादी में होने वाले खर्चों को कम करने के लिए भी नियम बनाए गए हैं.

 

गांव वाले खुश हैं

 

किसी की मृत्यु से जुड़े मामलों पर भी कुछ नियम बनाए गए हैं। गांव वाले बहुत खुश हैं. वे इन नियमों का पालन करते हैं. उनका कहना है कि इससे ग्रामीणों की स्थिति में सुधार होगा. अनावश्यक खर्च रुकेंगे। खैबर पख्तूनख्वा के बनिर जिले के चघरजी तहसील के जिरगा गांव में दहेज पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। अंसार मीना गांव में बेहद खास नियम हैं. यहां के लोग किसी भी शादी में 100 रुपए से ज्यादा नहीं दे सकते। इसके अलावा गांव की शादियों में चावल बांटने की प्रथा भी बंद कर दी गई है.

 

खर्च भी कम हो गया

 

इस गांव में शादी का खर्च भी कम हो गया है.जहां खाने-पीने पर लाखों रुपये खर्च नहीं करने पड़ते और मेहमानों का स्वागत चाय और बिस्किट से होता है। हालांकि यहां नए संविधान के तहत 14 साल से कम उम्र के बच्चों को मोटरसाइकिल चलाने की इजाजत नहीं मिलेगी और न ही छात्र मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर सकेंगे. वहीं इसके अलावा इस गांव में अंजान लोग नहीं आ सकते है और साथ ही साथ नशे के व्यापार का भी बहिष्कार किया जाता है।

 

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