राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की खैरात रोकने की धमकी के बाद पाकिस्तान ने लगाई हाफिज सईद के जमात-उद-दावा की फंडिंग पर रोक

अमेरिका पाकिस्तान को 2002 से 2017 तक 32 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता दे चुका है. अगस्त 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को मिलने जा रही 255 मिलियन डॉलर की सहायता को रोक दिया था. इसके बाद नए साल पर डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान को लताड़ लगाई. जिससे घबराए पाकिस्तान ने हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा की फंडिंग पर रोक लगा दी.

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की खैरात रोकने की धमकी के बाद पाकिस्तान ने लगाई हाफिज सईद के जमात-उद-दावा की फंडिंग पर रोक

Aanchal Pandey

  • January 1, 2018 10:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

इस्लामाबाद. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को मिलने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी है. ट्रंप के एक्शन के बाद घबराए पाकिस्तान ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के संगठन के चैरिटी जुटाने पर पाकिस्तान ने रोक लगा दी है. डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. ट्रंप के फंडिंग पर रोक लगाते ही सोमवार को पाकिस्तान के सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमिशन ने हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा के चैरिटी जुटाने पर रोक लगा दी. जमात-उद-दावा प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही मुखौटा संगठन है. हाफिज सईद मुंबई हमले का भी मास्टर माइंड है. फिलहाल पाकिस्तान में वह चुनाव लड़ने की कोशिशों में है. माना जा रहा है कि हाल ही में हाफिज सईद की रिहाई के बाद भारत और अमेरिका के दबाव के चलते पाकिस्तान सरकार ने यह फैसला लिया है.

पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा सहित कई ऐसे संगठनों को चैरिटी जुटाने पर रोक लगा दी है जिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से बैन लगाया गया है. कमिशन की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, ‘सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमिशन ऑफ पाकिस्तान सभी कंपनियों पर यह रोक लगाता है कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से प्रतिबंधित करार दिए गए संगठनों को डोनेशन न दें.’ हाफिज सईद के एक और संगठन फलाह-ए-इंसानियत के भी चैरिटी जुटाने पर रोक लगा दी गई है. पासबान-ए-अहदे हदीस और पासबान-ए-कश्मीर जैसे संगठनों पर भी यह रोक लागू की गई है. सिक्यॉरिटीज एक्सचेंज की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर कहा गया है कि यदि इस आदेश का पालन नहीं किया गया तो संबंधित कंपनियों पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

बता दें कि नए साल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया था, “अमेरिका ने पिछले 15 साल में पाकिस्तान को बेवकूफी में 33 अरब डॉलर की मदद दी है लेकिन इसके बदले उन्होंने हमें झूठ और धोखा दिया और ये समझते रहे कि हमारे नेता मूर्ख हैं. वो उन आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह देता है जिन्हें हम अफगानिस्तान में खोजते हैं. अब और नहीं.” अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह ट्वीट निश्चित तौर पर पाकिस्तान को गहरा झटका देने वाला है. अमेरिका 15 साल में पाकिस्तान को 32 अरब डॉलर की राशि आर्थिक मदद के नाम पर दे चुका है.ट्रंप के इस ट्वीट पर पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया देने की बात कही थी. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा एम. आसिफ ने ट्वीट कर कहा था कि हम जल्दी ही प्रेसिडेंट ट्रंप के ट्वीट का जवाब देंगे. लेकिन पांच घंटे बाद भी खबर लिखे जाने तक किसी भी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई है.

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