पाकिस्तान नई दिल्ली, पाकिस्तान में सरकार गिरने के बाद अब विपक्ष ने अपना प्रधानमंत्री का चेहरा तो साफ़ कर दिया है. जहां 11 अप्रैल को होने वाले प्रधानमंत्री के चुनावों को लेकर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने अपने संयुक्त उम्मीदवार शाहबाज़ शरीफ को नामित किया है. इसी कड़ी में शाहबाज़ शरीफ शाम चार बजे नामांकन दाखिल […]
नई दिल्ली, पाकिस्तान में सरकार गिरने के बाद अब विपक्ष ने अपना प्रधानमंत्री का चेहरा तो साफ़ कर दिया है. जहां 11 अप्रैल को होने वाले प्रधानमंत्री के चुनावों को लेकर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने अपने संयुक्त उम्मीदवार शाहबाज़ शरीफ को नामित किया है. इसी कड़ी में शाहबाज़ शरीफ शाम चार बजे नामांकन दाखिल करने वाले हैं. पाकिस्तान मीडिया के हवाले से ही ये खबर सामने आयी है. साथ ही पीएम चुनाव करने के लिए नेशनल असेंबली का सत्र सोमवार दोपहर 2 बजे से शुरू होने जा रहा है. जहाँ पहले खबर थी की ये सत्र सुबह 11 बजे शुरू किया जाना था.
आपको बता दें प्रधामंत्री उम्मीदवार का चेहरा चुनने से पहले विपक्ष की एक लम्बी बैठक भी चली. हालांकि ये पहले से ही सामने था कि विपक्ष शाहबाज़ के नाम को आगे रखेगा. लेकिन जैसे ही इमरान की सरकार का सूपड़ा साफ़ हुआ तो शाहबाज़ के नाम ने तेज़ी पकड़ ली और अब विपक्ष ने इसपर अपनी मोहर भी लगा दी है.
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में शनिवार- रविवार देर रात हुई वोटिंग में इमरान खान सरकार गिर गई है। 342 सदस्यों वाली सदन में विपक्ष को 174 वोट मिले, जो सरकार बनाने के लिए पूर्ण है। किसी भी पार्टी को सत्ता में आने के लिए 342 में से 172 वोटों की जरूरत होती है. खबरों के मुताबिक संयुक्त विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ देश के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं। यहाँ आपको बता दें कि शहबाज शरीफ अकेले ऐसे नेता नहीं है जिन्होंने इमरान खान सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई है बल्कि उनके साथ कहीं ऐसा नेता है जिन्होंने खान को आउट करने में मदद की है। अब इन सभी नेताओं को नई सरकार में अहम जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं आइए जानते है कौन कौन निभाएगा नई सरकार में जिम्मेदारी?
आपको बता दें 3 अप्रैल रविवार को भी पाकिस्तान के निचले सदन में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की जानी थी. लेकिन इसी बीच इमरान खान के खिलाफ इस प्रस्ताव को डिप्टी स्पीकर द्वारा ख़ारिज कर दिया गया था. इसके बाद पीएम की शिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा संसद भी भंग कर दी गयी थी. मामला सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद विपक्ष के हक़ में फैसला सामने आय और अगले ही हफ्ते इमरान खान ने अपनी गद्दी से हाथ धो दिया.