नाखून उखाड़ शहीद कहलाना चाहते हैं इमरान खान, नहीं बचे विकल्प

  विद्याशंकर तिवारी नई दिल्ली, पाकिस्तान में इस समय सियासी भूचाल आया हुआ है, क्योंकि आज संसद में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश होने वाला है. अविश्वास प्रस्ताव पेश होने से पहले ही इमरान सरकार में मंत्री रह चुके शाह महमूद कुरैशी ने हार मान ली है, उन्होंने कहा कि हम आज हम […]

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नाखून उखाड़ शहीद कहलाना चाहते हैं इमरान खान, नहीं बचे विकल्प

Aanchal Pandey

  • April 9, 2022 5:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

 

विद्याशंकर तिवारी

नई दिल्ली, पाकिस्तान में इस समय सियासी भूचाल आया हुआ है, क्योंकि आज संसद में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश होने वाला है. अविश्वास प्रस्ताव पेश होने से पहले ही इमरान सरकार में मंत्री रह चुके शाह महमूद कुरैशी ने हार मान ली है, उन्होंने कहा कि हम आज हम हैं लेकिन कल नहीं होंगे. संभावना है कि अविश्वास प्रस्ताव पर रात 8 बजे के बाद वोटिंग होगी.

छलका महमूद कुरैशी का दर्द

अविश्वास प्रस्ताव पेश होने से पहले इमरान खान की सरकार में मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी की जुबान से असलियत निकल ही गई. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पेश होने से पहले ही हार मान ली है. उन्होंने कहा कि ” आज हम हैं लेकिन कल नहीं होंगे.” आगे महमूद कुरैशी का दर्द छलक आया और उन्होंने कहा कि ऐसा कब हुआ है, जब बहुमत से चुनी हुई सरकार को इस तरह से सत्ता से बेदखल कर दिया जाए.

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पर्दे के पीछे से हो रही सरकार बदलने की कोशिश

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आगे कहा कि पर्दे के पीछे से सरकार बदलने की कोशिशें की जा रही हैं. उन्होंने आगे उदाहरण देते हुए कहा कि इतिहासकार की कलम बड़ी क्रूर होती है, यह किसी को माफ नहीं करती. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने हमेशा मुल्क को सबसे आगे रखा है. उनका यह मानना है कि एक राष्ट्र के रूप में बेहतरी कैसे की जा सकती है. क्या संसद में जो खरीद-फरोख्त का प्रयास किया जा रहा है वो संवैधानिक है?

मरियम ने इमरान को बताया पागल

मरियम नवाज़ शरीफ ने संसद में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश होने से पहले उनपर तीखा वार किया है. मरियम नवाज शरीफ ने इमरान पर वार करते हुए कहा कि एक व्यक्ति जो अपने होश में नहीं है, उसे कहर बरपाने ​​की इजाज़त नहीं दी जा सकती. यह कोई मज़ाक नहीं है, उन्हें एक प्रधानमंत्री या पूर्व प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार्यता नहीं दी जानी चाहिए. असल में इमरान खान को एक मनोरोगी के रूप में माना जाना चाहिए जो सिर्फ खुद को बचाने के लिए पूरे देश को बंधक बना रहा है.

दरअसल इमरान खान के पास अब विकल्प बचे ही नहीं है, खुद को बचाने के लिए जो कर सकते थे किया. संवैधानिक और असंवैधानिक का ख्याल नहीं रखा. सुप्रीम कोर्ट से मिली करारी हार आखिरी चोट थी. इसके बाद किसी तरह उन्हें साबित करना है कि उन्होंने सियासी शहादत दी है और इसका फायदा चुनाव में लेने की फिराक में हैं. अमेरिकी साजिश की तरफ बार बार इशारे कर अपने को मजबूत पीएम साबित करना चाहते हैं जो कि सुपर पॉवर के सामने भी नहीं झुका लेकिन क्या वहां की आवाम उन्हें इस रूप में स्वीकार करेगी?

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