नई दिल्ली : भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान इस समय आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है. अपनी माली हालत बचाने के लिए पाकिस्तान ने नया तरीका अपना लिया है. जहां पड़ोसी मुल्क ने अमेरिका स्थित अपने दूतावास की पुरानी इमारत को बेचने का फैसला किया है. इसके लिए उसे तीन बोलियां मिली हैं. यहूदी ग्रुप […]
नई दिल्ली : भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान इस समय आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है. अपनी माली हालत बचाने के लिए पाकिस्तान ने नया तरीका अपना लिया है. जहां पड़ोसी मुल्क ने अमेरिका स्थित अपने दूतावास की पुरानी इमारत को बेचने का फैसला किया है. इसके लिए उसे तीन बोलियां मिली हैं. यहूदी ग्रुप ने इस इमारत को खरीदने के लिए अब सबसे बड़ी बोली लगाई है. यह बोली लगभग 68 लाख डॉलर की है. यहूदी ग्रुप इस जगह एक पूजा स्थल का निर्माण करना चाहता है.
ख़बरों की मानें तो इस दूतावास की इमारत को खरीदने के लिए भारत की एक रियल्टी कंपनी ने भीबोली लगाई है. यह बोली लगभग 50 लाख डॉलर की है. पाकिस्तानी रियल्टर ने भी 40 लाख डॉलर में इस इमारत को खरीदने की बोली लगाई है. ख़बरों में बताया गया है कि परंपरा का पालन किया जाएगा जिसके तहत सबसे ऊँची बोली लगाने वाले की ही जीत होगी और वह ये इमारत खरीद पाएगा. इससे अमेरिका के प्रभुत्वशाली समाज में अच्छा संदेश जाएगा। मालूम हो इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों ने वॉशिंगटन में पाकिस्तान की तीन डिप्लोमैटिक प्रॉपर्टी बेचने की जानकारी दी थी.
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की बात करें तो पिछले कुछ समय से देश बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है. देश में महंगाई ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर पर है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी 6.7 अरब डॉलर तक नीचे गिर चुका है. पाकिस्तान की मुद्रा का लगातार अवमूल्यन हो रहा है, इस समय एक डॉलर 224.63 पाकिस्तानी रुपये में खरीदा जा रहा है. इसके अलावा देश का निर्यात भी घट रहा है और देश के पास इतनी पर्याप्त विदेशी मुद्रा नहीं है कि वह आयात कर सके. अफगानिस्तान और ईरान जैसे देशों से आयात भी कम हो गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के पास इसके भुगतान करने का पैसा नहीं है.
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