Pakistan Non Muslim PM Bill, Pakistan me gair muslim nahi banenge PM ya Rashtrapati: पाकिस्तान नेशनल असेंबली ने गैर मुस्लिमों को देश का राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री बनने की मांग के बिल को अस्वीकार कर दिया है. इस विधेयक को नेशनल असेंबली में नावेद आमिर जीव, एक सांसद और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) से संबंधित एक ईसाई द्वारा पेश किया गया था. उनके इस बिल को खारिज कर दिया गया और कहा गया कि पाकिस्तान में केवल एक मुसलमान ही राष्ट्रपति या पीएम बन सकता है.
नई दिल्ली. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का दावा है कि उनकी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के साथ भेदभाव नहीं करती है, लेकिन देश की नेशनल असेंबली के हालिया फैसले ने इसके पाखंड को उजागर कर दिया है. नेशनल असेंबली ने एक ऐसे विधेयक को खारिज कर दिया है जिसमें पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बनने के लिए एक गैर-मुस्लिम को अनुमति देने की मांग की गई थी. द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, आम आदमी पार्टी, एक सांसद और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) से जुड़े ईसाई ने बिल पेश किया. हालांकि, नेशनल असेंबली द्वारा मंगलवार को बहुमत की आवाज के साथ बिल को रोक दिया गया था.
उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 41 और अनुच्छेद 91 में गैर-मुसलमानों को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बनने की अनुमति देने के लिए संशोधन का प्रस्ताव रखा. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान में, राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के पदों पर केवल एक मुसलमान को ही रखा जा सकता है. पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 91 के अनुसार, नेशनल असेंबली को प्रधानमंत्री बनने के लिए अपने मुस्लिम सदस्यों में से एक को चुनने का अधिकार है. इसी तरह, देश के संविधान के अनुच्छेद 41 में कहा गया है कि एक व्यक्ति राष्ट्रपति के रूप में चुनाव के लिए तब तक योग्य नहीं होगा जब तक कि वह मुस्लिम न हो.
पाकिस्तान के पीएम ने बार-बार कहा कि उनके देश में अल्पसंख्यक पूरी तरह से स्वतंत्रता, सुरक्षा का आनंद ले रहे हैं और उनके अधिकारों की रक्षा की जा रही है. द न्यूज इंटरनेशनल ने रिपोर्ट में कहा कि इस विधेयक को पाकिस्तान के संसद के निचले सदन में विधायक नवेद आमिर जीवा ने पेश किया था. जीव संविधान (संशोधन) विधेयक 2019 ने संविधान के अनुच्छेद 41 और अनुच्छेद 91 में संशोधन करके गैर-मुस्लिमों को प्रधानमंत्री और पाकिस्तान का राष्ट्रपति बनने की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा. संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अली मुहम्मद खान ने प्रस्तावित कानून – संविधान (संशोधन) विधेयक 2019 का विरोध करते हुए कहा कि पाकिस्तान एक इस्लामी गणराज्य है जहां केवल एक मुस्लिम ही शीर्ष पर रह सकता है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को पूर्ण स्वतंत्रता, सुरक्षा का आनंद मिल रहा है और उनके अधिकारों की रक्षा की जा रही है. जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के सदस्य मौलाना अब्दुल अकबर चित्राली ने मंत्री को धन्यवाद दिया और उनके द्वारा लिए गए रुख की सराहना की. चित्राली ने कहा कि इस्लामिक मूल्यों और शिक्षाओं के खिलाफ कोई कानून संसद में पारित नहीं किया जा सकता है.