नई दिल्ली। पाकिस्तान में पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर मचे बवाल के बाद फिलहाल लाहौर हाईकोर्ट ने इमरान खान को राहत देते हुए पुलिस को आदेश दिया है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के लिए उनके लाहौर स्थित आवास पर अपना ऑपरेशन गुरुवार सुबह दस बजे तक रोक दे। इसके बाद […]
नई दिल्ली। पाकिस्तान में पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर मचे बवाल के बाद फिलहाल लाहौर हाईकोर्ट ने इमरान खान को राहत देते हुए पुलिस को आदेश दिया है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के लिए उनके लाहौर स्थित आवास पर अपना ऑपरेशन गुरुवार सुबह दस बजे तक रोक दे। इसके बाद उनके घर के आसपास से सुरक्षा बलों के हटने के बाद इमरान खान घर से बाहर अपने समर्थकों से बात करने के लिए निकले, इस दौरान उन्होंने अपने चेहरे पर गैस मास्क लगाया हुआ था।
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बता दें, बुधवार को पाकिस्तान के लाहौर उच्च न्यायालय ने इमरान खान को अस्थायी राहत प्रदान करते हुए उनके आवास के बाहर पुलिस को गुरुवार तक कार्रवाई रोकने का आदेश दिया है। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक- ए- इंसाफ पार्टी ने मंगलावर को लाहौर उच्च न्यायालय में पुलिस कार्रवाई को चुनौती दी थी और अदालत से सरकार को इसे समाप्त करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था।
वहीं, पीटीआई नेता फवाद चौधरी की ओर से दायर याचिका पर लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा पंजाब के महानिरीक्षक, मुख्य सचिव और इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख को तलब किए जाने के बाद बुधवार को पुलिस ने अभियान रोक दिया। फवाद चौधरी ने अदालत से लाहौर के जमान पार्क स्थित इमरान खान के आवास के बाहर पुलिस अभियान रोकने का आदेश देने की मांग की थी।
सारा मामला पाकिस्तान के खजाने की चोरी का है। इमरान खान साल 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। इस दौरान उन्होंने अरब देशों की यात्राओं में वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे। पाकिस्तान में नियमों के अनुसार किसी दूसरे देश के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले हुए उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है। अगस्त 2022 में इमरान की मुसीबत तब बढ़ी, जब पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन ने चुनाव आयोग के पास एक याचिका दायर कर इमरान खान पर अपनी संपत्ति में तोशखाना से प्राप्त उपहारों के बारे में जानकारी ना देने का खुलासा नहीं किया था।
जिसके बाद जांच में पता चला कि इमरान ने मित्र खाड़ी देशों से आए उपहारों में से तीन महंगी घड़ियों की बिक्री की थी, जिसमें उन्होंने 36 मिलियन रुपए कमाए थे। उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने कानूनी अनुमति भी दी थी। बाद में अक्टूबर 2022 को पाकिस्तान के चुनाव आयोग की पांच सदस्यीय पीठ द्वारा तोशाखाना मामले में इमरान को पांच साल के लिए सार्वजनिक कार्यालय संभालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। साथ ही इमरान खान के खिलाफ भ्रष्टाचार कानूनों के तहत कार्रवाई करने की बात की गई थी।
तोशाखाना का मतबल होता है खजाने का घर, पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है, जहां पाकिस्तानी प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति को दिए गए उपहारों को रखा जाता है। बता दें, पाकिस्तान में तोशाखाना को 1974 में बनाया गया था, यहां पर हमेशा महंगे उपहारों को ही रखा जाता है। अगर किसी उपहार की कीमत 30 हजार रुपए से कम है, तो उसे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री अपने पास रख सकते हैं। यदि कोई अधिकारी उपहार को लेना चाहता है, तो उसे एक निर्धारित मूल्य का भुगतान करना होता है। यह मूल्य तोशाखाना मूल्यांकन समिति द्वारा निर्धारित की जाती है।