नई दिल्ली. पाकिस्तान ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एससीओ सम्मेलन में भाग लेने के लिए न्योता भेजा है. अभी एससीओ और ब्रिक्स के होने वाले सम्मेलन को लेकर चर्चा हो ही रही थी कि एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी मुल्क को दो टूक सुना दिया. विदेश मंत्री ने साफ कहा कि पाकिस्तान से निर्बाध बातचीत का दौर खत्म हो चुका है, ये एक्शन का दौर है.
भारत बोला पाक पहले आतंकवाद रोके
कश्मीर में पाक प्रायोजित आतंकी हमलों के बीच पाकिस्तान को अचानक भारत की याद आई और उसने पीएम मोदी को एससीओ समिट में भाग लेने के लिए न्योता भेज दिया. भारत को जवाब देना था कि पीएम मोदी जाएंगे या नहीं. इसी बीच दिल्ली में एक किताब विमोचन कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को दो टूक बता दिया कि आंतकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकती. आपको बता दे कि 2015 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफगानिस्तान से लौटते हुए अचानक तत्कालीन पाक पीएम नवाज शरीफ के यहां शादी के कार्यक्रम में पहुंच गये थे.
जरूरत पड़ने पर भारत की याद आती है
उसके बाद हमेशा की तरह पाक प्रयोजित घटनाएं बढने लगी. इसी बीच भारत ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया, पाकिस्तान बहुत गुर्राया लेकिन भारत टस से मस नहीं हुआ और बातचीत से तौबा कर लिया. उरी, पुलवामा जैसी घटनाओं के बाद सर्जिकल और एयरस्ट्राइक हुई और दोनों देश के रिश्ते बिगड़ते चले गये. बातचीत बंद हो गई. अब भी भारत का स्टैंड स्पष्ट है कि बातचीत का दौर खत्म हो गया है. एस जयशंकर ने कहा कि एक्शन के अपने नतीजे होते हैं. उन्होंने साफ कहा कि जब तक उधर से आतंकी गतिविधियां जारी रहेगी बातचीत नहीं हो सकती.
जयशंकर ने कहा उसी की भाषा में जवाब
एस जयशंकर ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान के हर कदम का हम उसी की भाषा में जवाब देंगे. हर एक्शन का रिएक्शन होता है. विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते इस बात पर निर्भर करता है कि आगे क्या होता है. मतलब एकदम साफ कि पहले आंतकवादी भेजना बंद करो तब जाकर बातचीत की टेबल पर बैठेंगे.
यह भी पढ़ें