पाकिस्तान नई दिल्ली, पाकिस्तान में इमरान की सरकार गिरने के बाद संयुक्त विपक्ष के दावेदार शाहबाज़ शरीफ पीएम बनने की रेस में सबसे आगे हैं. जहां उन्होंने आज पीएम पद का नामांकन किया. इसी बीच इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने शाहबाज़ शरीफ के नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई है. क्या बोले शाहबाज़ अपने नामांकन […]
नई दिल्ली, पाकिस्तान में इमरान की सरकार गिरने के बाद संयुक्त विपक्ष के दावेदार शाहबाज़ शरीफ पीएम बनने की रेस में सबसे आगे हैं. जहां उन्होंने आज पीएम पद का नामांकन किया. इसी बीच इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने शाहबाज़ शरीफ के नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई है.
अपने नामांकन के दौरान शाहबाज़ शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर भी बात की. जहां उन्होंने कहा, हम भारत से बेहतर रिश्ते चाहते हैं और इस दौरान कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत से बात भी करेंगे. उन्होंने आगे कहा, राष्ट्रीय सद्भाव उनकी पहली प्राथमिकता होगी लेकिन इस बीच कश्मीर के मुद्दे के हल के बिना वह आगे भी नहीं बढ़ेंगे. अविश्वास प्रस्ताव में इमरान खान को हराने के बारे में उन्होंने कहा, मैं अतीत की कड़वाहट को लेकर आगे नहीं बढ़ना चाहता. हम बदले की भावना से किसी को जेल नहीं भेजेंगे. शाहबाज़ ने कार्रवाई या अन्याय नहीं करने की बात कही.
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में शनिवार- रविवार देर रात हुई वोटिंग में इमरान खान सरकार गिर गई है। 342 सदस्यों वाली सदन में विपक्ष को 174 वोट मिले, जो सरकार बनाने के लिए पूर्ण है। किसी भी पार्टी को सत्ता में आने के लिए 342 में से 172 वोटों की जरूरत होती है. खबरों के मुताबिक संयुक्त विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ देश के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं। यहाँ आपको बता दें कि शहबाज शरीफ अकेले ऐसे नेता नहीं है जिन्होंने इमरान खान सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई है बल्कि उनके साथ कहीं ऐसा नेता है जिन्होंने खान को आउट करने में मदद की है। अब इन सभी नेताओं को नई सरकार में अहम जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं आइए जानते है कौन कौन निभाएगा नई सरकार में जिम्मेदारी?
आपको बता दें 3 अप्रैल रविवार को भी पाकिस्तान के निचले सदन में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की जानी थी. लेकिन इसी बीच इमरान खान के खिलाफ इस प्रस्ताव को डिप्टी स्पीकर द्वारा ख़ारिज कर दिया गया था. इसके बाद पीएम की शिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा संसद भी भंग कर दी गयी थी. मामला सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद विपक्ष के हक़ में फैसला सामने आय और अगले ही हफ्ते इमरान खान ने अपनी गद्दी से हाथ धो दिया.