नई दिल्ली: पाकिस्तान ने अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए चीन से पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट FC-31 खरीदने का फैसला किया है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि ये फाइटर जेट भारत कब पहुंचेंगे, लेकिन उससे पहले बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं और भारत को भारत से ज्यादा ताकतवर दिखाने की कोशिश की […]
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए चीन से पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट FC-31 खरीदने का फैसला किया है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि ये फाइटर जेट भारत कब पहुंचेंगे, लेकिन उससे पहले बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं और भारत को भारत से ज्यादा ताकतवर दिखाने की कोशिश की जा रही है।
एक पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञ ने दावा किया है कि एफसी-31 के साथ पाकिस्तान भारत से कई साल आगे रहेगा। उन्होंने यहां तक दावा किया है कि इस दौरान भारत को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान मिलने की कोई संभावना नहीं है, इसलिए चीनी लड़ाकू विमानों के पाकिस्तान आने से उसे भारतीय वायुसेना पर बढ़त हासिल करने में मदद मिलेगी. पाकिस्तानी वायु सेना के सेवानिवृत्त कमांडर जिया उल हक शमशी का कहना है कि एफसी-31 के साथ, पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना से 12-14 साल आगे रहेगी और इस तरह भारत पर रणनीतिक बढ़त हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं लगता कि भारत को इस दौरान पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान मिल पाएंगे.
साल की शुरुआत में पाकिस्तान की ओर से संकेत मिले थे कि वह चीन से एफसी-31 खरीद सकता है. वहीं पाकिस्तानी वायुसेना के चीफ ऑफ स्टाफ एयर मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने पिछले साल एक कार्यक्रम में कहा था कि यह लड़ाकू विमान जल्द ही सेना में शामिल होगा. उन्होंने कहा था कि विमान की खरीद के लिए चीन से बातचीत शुरू हो गई है. एफसी-31 का निर्माण एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना की सहायक कंपनी शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन द्वारा किया गया है। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि पाकिस्तान ने अपने पायलटों को एफसी-31 की ट्रेनिंग के लिए चीन भेजा है.
बीजिंग के सैन्य विशेषज्ञों के मुताबिक, एफसी-31 फाइटर जेट में हवाई लड़ाई की बेहतर क्षमता है और यह दुश्मन की गतिविधियों पर गुप्त रूप से नज़र रखने और उस पर अचानक हमला करने में भी सक्षम है। एफसी-31 के शामिल होने से पाकिस्तानी सेना के बेड़े में चीनी हथियारों की गिनती और बढ़ जाएगी. इसके पास पहले से ही J-10C, JF-17 हैं, जिन्हें बीजिंग और इस्लामाबाद ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान अपने बेड़े से अमेरिकी एफ-16 और फ्रांसीसी मिराज-5 लड़ाकू विमानों को हटाकर एफसी-31 को शामिल करेगा।
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