मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर नकेल कसेगा PAK, जमात-उद-दावा पर आजीवन प्रतिबंध की तैयारी

पाकिस्तान जल्द ही मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा पर आजीवन बैन लगा सकता है. इसके लिए संसद में बिल लाने की तैयारी की जा रही है. बिल पर सहमति बनाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने आर्मी को भरोसे में लिया है. बताया जा रहा है कि बिल प्रभावी होने के बाद कई संदिग्ध संगठनों पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जा सकेगा. दरअसल आतंकवाद पर लापरवाह रवैये के चलते चौतरफा घिरे पाकिस्तान ने फाइनेंशियल एक्शन टास्ट फोर्स (FATF) द्वारा ब्लैक लिस्ट होने से बचने के लिए यह कदम उठाने का फैसला किया है.

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मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर नकेल कसेगा PAK, जमात-उद-दावा पर आजीवन प्रतिबंध की तैयारी

Aanchal Pandey

  • April 8, 2018 3:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

इस्लामाबादः आतंकियों पर नकेल न कसने और भगोड़े आतंकियों को शरण देने के आरोपों में घिरा पाकिस्तान अब मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा पर स्थायी बैन लगाने की तैयारी में है. इसके लिए पाकिस्तान सरकार एक विधेयक लाने की तैयारी कर रही है. नए विधेयक की मदद से जमात-उद-दावा समेत कई संदिग्ध संगठनों पर बैन लगाया जाएगा. दरअसल फाइनेंशियल एक्शन टास्ट फोर्स (FATF) ने फरवरी में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में शामिल किया था और चेतावनी दी थी कि अगर पाकिस्तान ने हालातों में सुधार नहीं किए तो जल्द ही उसे ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जा सकता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1997 के एंटी-टेररिज्म एक्ट में संशोधन के लिए इस विधेयक को लाया जा रहा है. यह बिल राष्ट्रपति की ओर से जारी किए गए उस अध्यादेश की जगह लेगा, जिसके तहत गृह मंत्रालय की वॉच लिस्ट (निगरानी सूची) में शामिल संदिग्ध संगठनों पर बैन की बात कही गई थी. सोमवार से पाकिस्तान की संसद का सत्र शुरू हो रहा है. बताया जा रहा है कि इसी सत्र में कानून मंत्रालय संसद में इस अहम बिल को पेश कर सकता है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बिल पर सहमति बनाने के लिए सरकार ने पाकिस्तानी सेना को भी भरोसे में लिया है. बता दें कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एंटी-टेररिज्म एक्ट में संशोधन करने के लिए 13 फरवरी को अध्यादेश जारी किया था. इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सूची में शामिल संगठनों को बैन करने का आदेश दिया गया था. इस अध्यादेश की मियाद 120 दिन बाद खत्म हो रही है. लिहाजा पाकिस्तान सरकार को यह फैसला उठाना पड़ा.

गौरतलब है कि अमेरिका ने कुछ समय पहले पाकिस्तान पर आतंकवाद पर सख्त फैसले न लेने के चलते उसे FATF की लिस्ट में डालने का प्रस्ताव रखा था. भारत, ब्रिटेन और फ्रांस ने इसका समर्थन किया. दूसरी ओर चीन, सऊदी अरब और तुर्की ने इसका विरोध किया लेकिन बाद में उन्होंने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया. FATF उन देशों पर नजर रखता है जो किसी भी तरीके से आतंकियों को मदद मुहैया कराते हैं. FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल होने वाले देशों के दूसरे देशों से बैंकिंग लेनदेन खत्म हो जाते हैं. साल 2012 से 2015 तक पाकिस्तान लगातार तीन साल इस लिस्ट में रहा. वर्तमान में FATF की लिस्ट में ट्यूनिशिया, वनुआतु, यमन, इथोपिया, श्रीलंका, सर्बिया, सीरिया, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और इराक समेत कई देश शामिल हैं.

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