नई दिल्ली, पाकिस्तान के अन्तरिम प्रधानमंत्री इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा झटका दिया हैं। कोर्ट ने विपक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करना असंवैधानिक है. इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि अविश्वास प्रस्ताव पर पुनः 9 अप्रैल को वोटिंग […]
नई दिल्ली, पाकिस्तान के अन्तरिम प्रधानमंत्री इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा झटका दिया हैं। कोर्ट ने विपक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करना असंवैधानिक है. इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि अविश्वास प्रस्ताव पर पुनः 9 अप्रैल को वोटिंग होगी। आपको ज्ञात हो कि इमरान सरकार से जुड़े नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरीने 3 अप्रैल को इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने दावा किया था कि इमरान सरकार को गिराने के लिए यह विदेशी साजिश है और इसलिए यह विचार योग्य नहीं है. जैसे ही असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव खारिज हुआ उसके कुछ देर बाद ही इमरान खान राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से मिले। इसके बाद राष्ट्रपति अल्वी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि नेशनल असेंबली को भंग कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की पांच सदस्यीय पीठ ने की, जिसमें न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मोहम्मद अली मजहर मियांखेल, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखेल शामिल थे. न्यायमूर्ति बंदियाल ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के फैसले को असंवैधानिक घोषित कर दिया.
पांच सदस्यीय पीठ ने राष्ट्रपति के संसद को भंग करने के आदेश को असंवैधानिक घोषित करार दिया. कोर्ट ने संसद को बहाल करते हुए प्रधानमंत्री खान द्वारा राष्ट्रपति को नेशनल असेंबली भंग करने की सलाह को असंवैधानिक घोषित करार दिया. अदालत ने आदेश दिया कि नेशनल असेंबली के स्पीकर 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे सत्र को बुलाए ताकि अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन किया जा सके. कोर्ट के फैसले के बाद संसद भवन के आस-पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है और और चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. सुनवाई के दौरान पांच सदस्यों की पीठ का नेतृत्व कर रहे मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने कहा कि उपाध्यक्ष का फैसला प्रथम दृष्टया अनुच्छेद 95 का उल्लंघन है.
कल कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान के पास अब सीमित ऑप्शन ही बचे है. पहला तो वे संसद में बहुमत हासिल करे. इस बात की संभावना न के बराबर है. दूसरा कि वे खुद संसद में बेइज्जती होने से पहले ही इस्तीफा दे दें. ऐसे में देखते है कि कल क्या तस्वीर पाकिस्तान से सामने आती है.