नई दिल्ली: पाकिस्तान में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए जवानों को पाकिस्तानी प्रशासन गाड़ियों की बजाय गधों पर ले जा रहा है. हालांकि गधों पर लादने का वीडियो सामने आने के बाद पाकिस्तानी सेना में शीर्ष कमांडरों के खिलाफ गुस्से को देखते हुए पाकिस्तान की संघीय शीर्ष समिति ने बलूचिस्तान में सभी सक्रिय आतंकवादी समूहों के खिलाफ सैन्य अभियान को मंजूरी दे दी है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा इलाके में पिछले एक महीने में पाकिस्तानी सेना के 100 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं. पाकिस्तानी सेना इन सभी आंकड़ों को छिपाने की कोशिश करती है, लेकिन इस बार उसे अपनी कोशिशों में सफलता नहीं मिली. पिछले तीन दिनों के दौरान आतंकवादियों ने पाकिस्तानी सेना के दो दर्जन से अधिक सैनिकों की हत्या कर दी, जबकि एक पुलिस स्टेशन में घुसकर उसके सात पुलिसकर्मियों का अपहरण भी कर लिया.
हालात ऐसे हो गए कि थाने में मौजूद अन्य पुलिसकर्मी थाना छोड़कर भाग गए। खैबर पख्तूनख्वा की तिराह घाटी में पिछले दो दिनों में एक साथ 17 सैनिक मारे गए. वहीं पाकिस्तानी प्रशासन ने मारे गए सैनिकों की संख्या छिपाने की पूरी कोशिश की. इसी प्रयास के तहत उन्होंने जल्द से जल्द मृत सैनिकों के शवों को घटना स्थल से हटाने का प्रयास किया.
इस बीच सैनिकों के शवों को गधों पर लादकर ले जाया गया। पाकिस्तानी प्रशासन को उस वक्त झटका लगा जब सेना की एक अन्य टुकड़ी ने गधों पर ले जाए जा रहे सैनिकों के शवों को पकड़ लिया. इस सैन्य टुकड़ी के लोगों ने इसका वीडियो बना लिया और वहां हुई बातचीत में उन्होंने सेना कमांडरों को जमकर गालियां दीं. ये वीडियो सेना के लोगों ने ही बनाया है. इसलिए, यह जल्द ही पाकिस्तानी सेना में वायरल हो गया। सेना में आक्रोश फैलता देख सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने को कहा. इसके बाद आनन-फ़ानन में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई. प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख की अध्यक्षता वाली इस संघीय शीर्ष समिति ने बलूचिस्तान में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सैन्य अभियान को मंजूरी दी।
पाकिस्तानी प्रधान मंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, प्रांतीय शीर्ष निकायों के तहत जिला समन्वय समितियां आतंकवाद से निपटने के लिए संघीय उपायों के कार्यान्वयन की निगरानी करेंगी। इसके अतिरिक्त, खतरों की प्रभावी ढंग से पहचान करने और उनका मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (एनएसीटीए) और खुफिया संलयन केंद्रों को सक्रिय किया जाएगा। हालांकि माना जा रहा है कि इस कदम से पाकिस्तान प्रशासन सेना के गुस्से को ठंडा करना चाहता है क्योंकि ये सभी जवान आतंकियों से लड़ते हुए मारे गए थे.
बता दें कि सेना में ऐसी अफवाहें हैं कि सेना करीब 200 अरब डॉलर के व्यापारिक साम्राज्य की मालिक है. इसके बावजूद मारे गए सैनिकों को ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर की जगह गधों का इस्तेमाल क्यों किया गया? सेना में यह भी अफवाह है कि हेलीकॉप्टर वरिष्ठ अधिकारियों के परिवारों को सैर पर ले गए थे. इसके अलावा मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ भी हेलीकॉप्टर से कहीं गई थीं, जिसके कारण सैनिकों को लाने-ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं थे और गधों का इस्तेमाल करना पड़ा. यानी कुल मिलाकर संयुक्त प्रशासन का जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है. अब यह तय हो गया है कि पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में शक्तिशाली लोगों को पकड़ने के लिए इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही है।
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