Explainer: पाकिस्तान की जद्दोजहद और बदहाली से वाकये से हर कोई वाकिफ़ है. पाकिस्तान कंगाल होने की कगार पर है. इस वक़्त पाकिस्तान के लोगों के लिए दो वक़्त की रोटी जुटाना भी बेहद मुश्किल हो गया है. तो वहीं पाकिस्तान रेलवे भी इस समय बदहाली से जूझ रहा है. आपको बता दें, ऐसा हम हवा में ही नहीं कह रहे हैं बल्कि पाकिस्तान की मीडिया खुद मुल्क के कश्मक़श को बयां कर रही है.
आपको बताएं कि, खैबर पख्तूनख्वा की एक बैठक में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने पिछले साल मई में कहा था कि, “आटे की कीमत कम करने के लिए अपने कपड़े तक बेच दूँगा. उस वक्त पाकिस्तान में आटे की कीमत 72 पाकिस्तानी रुपये थी. शाहबाज शरीफ ने कहा था कि ” आटे की कीमत 40 रुपये किलो तक आएगी। लेकिन यह बयान भी बाकी दूसरे बयानों की तरह ही खोखला निकला।
पाकिस्तान में आज आटा 139 पाकिस्तानी रुपये किलो बिक रहा है. यह हालात न सिर्फ आटे की है, बल्कि बाकी के चीजों के भी है, जैसे कि पेट्रोल, चावल, चीनी और घी और तमाम चीज़ें। मुल्क में तंगी कुछ इस क़दर छाई है कि लोग दो वक़्त की रोटी जुटाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. पाकिस्तान में रसोई गैस इतनी महँगी हो गई है कि अब उसे चोरी-छिपे पॉलीथीन में बेचा जा रहा है. जी हाँ, LP Gas वो ही गैस जो एक चिंगारी में आग पकड़ लेती है. आज मुल्क में थैलियों में बेचीं जा रही है.
इन थैलियों (पाकिस्तान में पॉलीथीन में बेची जाने वाली गैस) के फटने और इससे जुड़ी घटनाओं में घायल हुए हैं. कुछ मरीज बेहद गंभीर रूप से ज़ख़्मी होते हैं। कई लोग तो ऐसे होते हैं जो अस्पताल तक नहीं पहुँच पाते हैं. आपको बता दें, गैस जमा करने का यह तरीका बेहद ख़तरनाक है. इसमें विस्फोट होने का खतरा रहता है.इस्लामाबाद के एक अस्पताल में रोजाना औसतन आठ ऐसे मरीज आते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक इससे जान भी जा सकती है, लेकिन लोग कहते हैं कि इसका कोई रास्ता नहीं है. क्योंकि सिलेंडर महँगा होता है.
सत्ता में काबिज़ होने के लिए इमरान खान ने नया पाकिस्तान बनाने का वादा किया था. इसमें गरीबी मिटाने से लेकर महँगाई पर लगाम लगाने तक ना जाने कितने किस्म के वादे किए गए. नौकरी… पानी… खाना… घर समेत 51 वादे, लेकिन इमरान सरकार साढ़े तीन साल की सत्ता में महज़ 2 वादे ही पूरे कर पाई. इस बीच महँगाई इतनी बेलगाम हो गई और इमरान खान बस पिछली सरकारों पर इल्ज़ाम डालते रह गए.
ख़ास बात यह है कि हर बार चुनाव से पहले यहाँ के नेता महँगाई कम करने की बात करते हैं, सरकार भी बदल जाती है, लेकिन हालात जस की तस कायम रहते हैं. सरकार में अपने कार्यकाल के दौरान जब इमरान से महँगाई के बारे में सवाल किया गया तो वे यही कहते रहे कि पीएम आटे और टमाटर का दाम कम करने के लिए नहीं बने हैं और इसके बाद अब जो देश के हालात है वो किसी से छिपे नहीं है.
शाहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली को बताया था कि तेज कीमतों के चलते से महँगाई में इज़ाफ़ा हुआ इसलिए इमरान खान को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे देशों में महँगाई कम हो रही है, लेकिन पाकिस्तान में प्रधानमंत्री नियाजी जनता पर महँगाई के बम गिरा रहे हैं. इसी दरमियान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी इमरान की सरकार पर निशाना साधा और खाने-पीने की बढ़ती कीमतों पर हैरानी ज़ाहिर की थी. भुट्टो ने कहा था कि, “पाकिस्तान की आवाम इसे लंबे वक़्त तक बर्दाश्त नहीं करेंगी।”
कोविड के चलते पूरी दुनिया में महँगाई है. हमारे देश में 35 साल तक दूसरी करप्ट पार्टियों की हुकूमत थी. डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए में गिरावट जारी है. देश में महँगाई बहुत बढ़ गई है. इसलिए मैं रात को चैन से सो नहीं पाता। ये मेरे लिए बेहद बड़ा मसला है.” अब आइये आपको पाकिस्तान के बड़बोले वादों और विपक्षी पार्टियों को उन सवालों के बारे में बताते हैं जो बार-बार उठाए गए लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए क़दम उठाने में सरकार नाकामयाब साबित हुई.
“आम आदमी को जीना बेहाल हो गया है, एक वक़्त की रोटी पूरी नहीं होती, बिजली का बिल कैसे पूरा होगा, दवाएं कहाँ से खरीदेंगे?”
“गरीब शख्स सुबह और रात में राशन खरीदने के लिए काबिल नहीं है…. वो ज़िंदा कैसे रहेगा?”
“आटा, फलियाँ , चावल, सब कुछ आम आदमी की खरीद से बाहर है, इमरान ने कहा कि यह एक नया पाकिस्तान लाएगा, लेकिन यह नया पाकिस्तान तो महँगा पाकिस्तान साबित हुआ है”
‘लोग गाड़ी में पेट्रोल भरवाएं या बच्चों के लिए रोटी खरीदें। यदि इसांन बच्चों के लिए रोटी लेता हैं, तो दवाई के लिए पैसे नहीं होंगे, यदि दवाई लेता हैं, तो फीस के लिए पैसे नहीं है, आटा भी महँगा है, पेट्रोल- बिजली भी महँगी है… चीनी, नमक और तेल भी.”
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