नई दिल्ली, इस समय दुनिया के कई ऐसे देश है जो आर्थिक तंगी और सांकड़ से जूंझ रहे हैं. उनमें से यदि किसी देश में सबसे खराब हालात हैं तो वह है, श्रीलंका। भारत का यह छोटा द्विपीय देश आज तक के अपने सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुज़र रहा है. इसी बीच भारत के […]
नई दिल्ली, इस समय दुनिया के कई ऐसे देश है जो आर्थिक तंगी और सांकड़ से जूंझ रहे हैं. उनमें से यदि किसी देश में सबसे खराब हालात हैं तो वह है, श्रीलंका। भारत का यह छोटा द्विपीय देश आज तक के अपने सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुज़र रहा है. इसी बीच भारत के दूसरे पड़ोसी मुल्क, पाकिस्तान के भी डिफॉल्ट होने की चर्चाएं तेज हैं. तो क्या भारत का दूसरा पड़ोसी देश, पाकिस्तान भी अब श्रीलंका की राह पर चल दिया है?
श्रीलंका में इस समय लोगों के पास पैसे नहीं है. आर्थिक तंगी महंगाई और बदहाली से तंग लोग सड़क पर उतर आये हैं. जहां देश में कई ज़रूरी सामान नहीं हैं. पेट्रोल और डीज़ल समेत खाने के लिए भी संकट आ खड़ा हुआ है. लेकिन दक्षिण एशिया में श्रीलंका कोई अकेला देश नहीं है इस समय पाकिस्तान की भी हालत पस्त है. जहां भारत के एक और पड़ोसी देश का विदेशी मुद्रा भंडार ख़ाली है.
Lo and behold, Pakistan’s default risk has surged rapidly over the past two weeks. Is anyone listening? https://t.co/c54FmxYYzU
— farrukh saleem (@SaleemFarrukh) May 24, 2022
इस समय पाकिस्तान ने अपने आयात कम करने और विदेशी मुद्रा बचाने के लिए सभी ग़ैर-ज़रूरी लग्ज़री सामानों के आयात पर पाबंदी लगा दी है. पाकिस्तान में इस स्थिति को आर्थिक आपातकाल के रूप में कहा जा रहा है. इतना ही नहीं पाकिस्तान का चालू खाता घाटा भी 17 अरब डॉलर से ज़्यादा हो चुका है. बता दें, इस समय पाकिस्तान में केवल 16 अरब डॉलर तक विदेशी मुद्रा भंडार है देश में अब मुद्रा रुपया भी एक डॉलर की तुलना में 200 रुपए तक जा चुका है.
इस कड़ी में पाकिस्तान की सूचना और प्रसारण मंत्री मरियम औरंगज़ेब ने पत्रकारों से बताया है कि ‘जिन लग्ज़री सामानों के आयात पर पाबंदी लगाई गई है, उनका इस्तेमाल बहुत ही कम लोगों के बीच होता है.’ यह समस्या संकट के रूप में दिखाई इसलिए भी पड़ रही है क्योंकि पिछले दिनों पाकिस्तान के वित्तीय मामलों की जांच करने वाली एजेंसी फ़ेडरल बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यू यानी एफ़बीआर के पूर्व चेयरमैन सैयद शब्बर ज़ैदी ने ट्वीट किया था. उनके ट्वीट में इस बात का ज़िक्र है कि ‘पाकिस्तान की हालत श्रीलंका से अलग नहीं है.’
उन्होंने आगे कहा था कि, ”क्या यह शर्मनाक नहीं है कि 22 करोड़ की आबादी वाले परमाणु शक्ति संपन्न देश अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, सऊदी अरब, यूएई और चीन से भीख मांग रहा है. हम इस स्थिति में कैसे पहुँचे? हमें आत्मवालोकन करना चाहिए. 1947 के बाद से ऐसी क्या ग़लती हुई है कि चीज़ें ठीक नहीं हो रही हैं. हमें सत्य का अन्वेषण करने की ज़रूरत है.”
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