इस्लामाबाद/ वाशिंगटन. पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान से तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी बनाकर नेता बने इमरान खान को 22 साल की राजनीतिक इबादत के बाद पाकिस्तान का वजीर-ए-आलम यानी प्रधानमंत्री बने एक सप्ताह भी नहीं बीता है कि उनकी सरकार पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादियों पर कार्रवाई के अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के बयान को लेकर दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका से भिड़ गई है. बात जैसी बात नहीं है और हंगामा ऐसा हुआ है इस्लामाबाद से लेकर वाशिंगटन तक ट्वीट और बयान का दौर चल रहा है.
मामला ये है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद इमरान खान को डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी सरकार के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने फोन करके बधाई दी. पोम्पियो और इमरान के बीच क्या बात हुई और उस बातचीत के बाद अमेरिका ने जो बयान दिया और पाकिस्तान ने जो खंडन किया या सफाई दी, वही विवाद का विषय है.
विवाद है इस बात पर कि अमेरिकी विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से बधाई वाली फोन वार्ता में ये भी कहा कि वो पाकिस्तान में आतंकवादियों पर ठोस कार्रवाई करेंगे ऐसी अमेरिका को उम्मीद है. इमरान से पोम्पियो की टेलीफोन वार्ता के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि पोम्पियो ने बधाई देते हुए कहा है कि इमरान खान की सरकार पाकिस्तानी आतंकवादियों पर लगाम लगाए.
पाकिस्तान को ये बात हजम नहीं हुई क्योंकि अमेरिका का यह कहना और इमरान खान का सुन लेना एक तरह से यह मान लेना हुआ कि पाकिस्तान में आतंकवादी हैं. पाकिस्तान की सेना और आईएसआई आतंकवादियों को पालने के आरोप से घिरी रहती है लेकिन कोई पाकिस्तानी सरकार ये मान ले, तो उसके लिए सेना मुसीबत खड़ी कर देती है.
पोम्पियो का आतंकवादियों पर एक्शन लेने का बयान पाकिस्तान के गले नहीं उतरा और इमरान खान सरकार के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि पोम्पियो ने इमरान खान से ऐसी कोई बात नहीं की है इसलिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय अपने इस बयान को वापस ले. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट करके कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि इमरान खान से अमेरिकी विदेश मंत्री की बातचीत में पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादियों पर कोई चर्चा नहीं हुई इसलिए वो इस गलती को ठीक करे.
अमेरिका भी अमेरिकी ठहरा. अमेरिकी विदेश मंत्री ने आतंकवादियों पर कुछ कहा या नहीं कहा, ये तो इमरान खान और माइक पोम्पियो को ही पता होगा लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्रालय अब अपने बयान पर अड़ गया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर नॉर्ट ने पहले जारी बयान को सही ठहराते हुए कहा है कि माइक पोम्पियो ने इमरान खान से पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादियों पर निर्णायक कार्रवाई करने कहा है. प्रवक्ता ने कहा कि जारी किया गया बयान सही है और पाकिस्तानी प्रवक्ता की इस मांग का कोई मतलब नहीं है कि अमेरिका अपना बयान ठीक करे.
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