Pakistan Blacklist for Terror Links: पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत हर मुमकिन कोशिश कर रहा है कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए. इसके लिए एफएटीएफ को जरूरी दस्तावेज भी सौंपे जाएंगे. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स, एफएटीएफ अंतरराष्ट्रीय आतंकी फंडिंग पर निगरानी रखने वाली संस्था है.
नई दिल्ली. पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया है. भारत ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाने का फैसला किया है. इसी में एक और कदम उठाते हुए अब पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी की जा रही है. भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के अब तक के हमले से जुड़े सबूतों को इकट्ठा करके डॉजियर तैयार करना शुरू कर दिया है.
ये डॉजियर पैरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को सौंपा जाएगा. एफएटीएफ अंतरराष्ट्रीय आतंकी फंडिंग पर निगरानी रखने वाली संस्था है. भारत इस डॉजियर के जरिए एफएटीएफ से पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की मांग करेगा. साथ ही पाकिस्तान के आतंकी संपर्कों का खुलासा करने की भी मांग उठाई जाएगी. एफएटीएप को सबूतों सौंपे जाएंगे. इस बारे में जानकारी देते हुए वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तानी एजेंसियों के जैश-ए-मोहम्मद के साथ संबंध हैं और साथ ही उनकी टेरर फंडिंग भी की जाती है. इसी पर रोक लगाने और पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने के लिए एफएटीएफ से मांग उठाई जा रही है.
इसी डॉजियर में सबूतों के साथ बताया जाएगा कि पाकिस्तानी एजेंसियां जैश-ए-मोहम्मद संस्थान को फंड दे रही है. एफएटीएफ से मांग की जाएगी की पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. एफएटीएफ की समग्र और कार्यकारी ग्रुप की बैठक अगले हफ्ते पेरिस में होनी तय है. यदि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर दिया तो इसका अर्थ है कि वो ऐसा देश बन गया है जो आतंकवाद के वित्त पोषण और धन शोधन को रोकने के खिलाफ ग्लोबल लड़ाई का हिस्सा नहीं बन रहा है.