नई दिल्ली, पाकिस्तान और हिंदुस्तान के बीच जम्मू कश्मीर विवाद आज़ादी के समय से चला आ रहा है. पिछले दिनों पाकिस्तान असेंबली में जम्मू कश्मीर परिसीमन के मुद्दे पर पास हुए प्रस्ताव को अब भारत द्वारा ख़ारिज कर दिया गया है. साथ ही इस प्रस्ताव को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हास्यप्रद […]
नई दिल्ली, पाकिस्तान और हिंदुस्तान के बीच जम्मू कश्मीर विवाद आज़ादी के समय से चला आ रहा है. पिछले दिनों पाकिस्तान असेंबली में जम्मू कश्मीर परिसीमन के मुद्दे पर पास हुए प्रस्ताव को अब भारत द्वारा ख़ारिज कर दिया गया है. साथ ही इस प्रस्ताव को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हास्यप्रद भी बताया है.
पिछले दिनों पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में भारत और पाक के जम्मू कश्मीर विवाद के बावजूद जम्मू कश्मीर परिसीमन प्रस्ताव को पास कर दिया गया. अब इसपर भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है जहाँ पाकिस्तान का यह प्रस्ताव पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस प्रस्ताव की आलोचना भी की है. मालूम हो यह प्रस्ताव पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने संसद में रखा था. प्रस्ताव में जम्मू कश्मीर परिसीमन के फैसले को वहां की बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी की चुनावी ताक़त में बदलने को कहा गया है.
We categorically reject the farcical resolution passed by the National Assembly of Pakistan on the subject of the delimitation exercise in the Indian Union Territory of Jammu & Kashmir: @MEAIndia pic.twitter.com/1VgA28YdQn
— PB-SHABD (@PBSHABD) May 17, 2022
अरिंदम बागची ने कहा- ये खेद की बात है कि पाकिस्तान का नेतृत्व अपने घर को व्यवस्थित रखने की बजाए भारत के आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप करना जारी रखे हुए है और वो आधारहीन और भारत-विरोधी दुष्प्रचार में लगा रहता है. उन्होंने एक बार फिर ये बात दोहराई कि पाकिस्तान तुरंत भारत विरोधी सीमा पार आतंकवाद बंद करे और आतंकवाद के बुनियादी ढाँचे को भी समाप्त करे. अरिंदम बागची ने कहा- पाकिस्तान को अपने कब्ज़े वाले जम्मू, कश्मीर और लद्दाख़ में मानवाधिकार का उल्लंघन रोके और उन क्षेत्रों को ख़ाली करे, जो उसके अवैध और ज़बरन कब्ज़े में हैं.
National Assembly passes a resolution condemning the India's illegal, unilateral, reckless and coercive actions aimed at altering the internationally recognized disputed status of #IIOJK.#NASession #NAatWork #Resolution @RadioPakistan @PTV_Parliament @PTVNewsOfficial pic.twitter.com/A0EzCsxuui
— National Assembly 🇵🇰 (@NAofPakistan) May 12, 2022
इस प्रस्ताव को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दुःख जताते हुए कहा, पाकिस्तान का नेतृत्व अपने घर को व्यवस्थित रखने की बजाए भारत के आंतरिक मामलों में लगातार दखल कर रहा है. पाकिस्तान इस समय आधारहीन भारत-विरोधी दुष्प्रचार में लगा है. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान तुरंत भारत विरोधी सीमा पार आतंकवाद बंद करे एवं आतंकवाद के बुनियादी ढाँचे को भी खत्म करे. बागची ने पाकिस्तान को उसके कब्ज़े वाले जम्मू, कश्मीर और लद्दाख़ में मानवाधिकार के उल्लंघन को रोकने और अवैध और ज़बरन कब्ज़े वाले क्षेत्रों को खाली करने के लिए भी कहा.
#OIC General Secretariat expresses deep concern over #India’s attempts to redraw the electoral boundaries of the #Indian Illegally Occupied #Jammu and #Kashmir, altering the demographic structure of the territory and violating the rights of the #Kashmiri people. pic.twitter.com/XsUqjEIsLA
— OIC (@OIC_OCI) May 16, 2022
बता दें, एक दिन पहले ही इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने जम्मू-कश्मीर परिसीमन पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर आपत्ति जताई थी. इस मामले में ओआईसी के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर में चुनावी सीमाओं और डेमोग्राफी को बदलने की भारत की कोशिश को लेकर चिंता है. साथ ही उन्होंने भारत द्वारा कश्मीर के लोगों के अधिकारों के उल्लंघन की भी बात की थी. हालांकि बाद में भारत द्वारा इस बयान को पूरी तरह से ख़ारिज कर दिया गया था. जहां भारत द्वारा कहा गया था कि – हमें अफ़सोस है कि एक बार फिर ओआईसी द्वारा भारत के आंतरिक मामलों में अनुचित टिप्पणी की गई है.
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