J&K: पाकिस्तान ने फिर अलापा कश्मीर राग, कहा बिना विवाद सुलझाए शांति संभव नहीं

नई दिल्ली: भले ही पाकिस्तान की घरेलु स्थिति बदतर होती जा रही है। वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका कश्मीर राग जारी है. बीते शुक्रवार को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने प्रेसवार्ता करके कश्मीर का मुद्दा (Kashmir Issue) उठाया है. भारत का रूख स्पष्ट जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने के […]

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J&K: पाकिस्तान ने फिर अलापा कश्मीर राग, कहा बिना विवाद सुलझाए शांति संभव नहीं

Satyam Kumar

  • October 8, 2022 10:19 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: भले ही पाकिस्तान की घरेलु स्थिति बदतर होती जा रही है। वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका कश्मीर राग जारी है. बीते शुक्रवार को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने प्रेसवार्ता करके कश्मीर का मुद्दा (Kashmir Issue) उठाया है.

भारत का रूख स्पष्ट

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने के बाद से ही पाकिस्तान की ओर से लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर का मुद्दा उठाया जा रहा है. हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के इन सवालों पर अपना रूख स्पष्ट रखा है। भारत ने जवाब के तौर पर कहा है कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भारत का आंतरिक मामला है.

बर्लिन में बोले विलावल

पाक के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने बर्लिन में अपने जर्मन समकक्ष एनालेना बारबॉक के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान भारत अधिकृत कश्मीर मुद्दा हर जगह उठाता रहेगा उन्होंने कहा कि हर देश को संयुक्त राष्ट्र (UN) के प्रस्ताव का सम्मान करना चाहिए. इस दौरान पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों का लगातार उल्लंघन हो रहा है. बिना जम्मू-कश्मीर (J&K) समस्या हल किए बिना दक्षिण एशिया (South Asia) में शांति मुश्किल है.

PAK के पीएम ने भी अलापा कश्मीर राग

पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी कश्मीर का राग अलापा था. उन्होंने कहा था कि हम भारत के साथ शांति चाहते हैं. जो जम्मू और कश्मीर विवाद के न्यायसंगत और स्थायी समाधान पर निर्भर है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए शाहबाज शरीफ ने कहा था कि 1947 के बाद से हम दोनों देशों के बीच 3 युद्ध हुए हैं और इसके परिणामस्वरूप दोनों तरफ सिर्फ गरीबी और बेरोजगारी बढ़ी है.

 

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