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PAKISTAN : कोर्ट ने इमरान खान और उनके समर्थकों को लताड़ा

नई दिल्ली : लाहौर हाईकोर्ट ने इमरान खान और उनके समर्थकों को जमकर लताड़ा है. कोर्ट ने कहा कि इमरान खान के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पों को पूरी दुनिया ने देखा. जिसके चलते पाकिस्तान की छवि पूरी दुनिया में धूमिल हुई है. कोर्ट ने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को देश […]

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  • March 16, 2023 7:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : लाहौर हाईकोर्ट ने इमरान खान और उनके समर्थकों को जमकर लताड़ा है. कोर्ट ने कहा कि इमरान खान के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पों को पूरी दुनिया ने देखा. जिसके चलते पाकिस्तान की छवि पूरी दुनिया में धूमिल हुई है. कोर्ट ने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को देश के राष्ट्रीय प्रतीक मीनार-ए-पाकिस्तान के पास रैली करने से रोक दिया है.

कोर्ट ने रैली पर लगाई रोक

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को इमरान खान ने घोषणा की थी कि 19 मार्च को मीनार-ए-पाकिस्तान में एक सार्वजनिक सभा को संबोधिक करेंगे. पंजाब प्रांत में होने वाले चुनाव को देखते हुए पीटीआई ने यहां सभा करने का फैसला किया था. कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई रैली करने से पहले सुरक्षा अधिकारियों को 15 दिन पहले सूचना देनी चाहिए. ताकि सुरक्षा अधिकारी बेहतर सुरक्षा का इंतजाम कर पाए. यह कहते हुए लाहौर हाईकोर्ट ने इमरान खान की आगामी होने वाली रैली पर रोक लगा दिया है.

क्या है पूरा मामला ?

सारा मामला पाकिस्तान के खजाने की चोरी का है। इमरान खान साल 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. इस दौरान उन्होंने अरब देशों की यात्राओं में वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे. पाकिस्तान में नियमों के अनुसार किसी दूसरे देश के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले हुए उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है. अगस्त 2022 में इमरान की मुसीबत तब बढ़ी, जब पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन ने चुनाव आयोग के पास एक याचिका दायर कर इमरान खान पर अपनी संपत्ति में तोशखाना से प्राप्त उपहारों के बारे में जानकारी ना देने का खुलासा नहीं किया था.

जिसके बाद जांच में पता चला कि इमरान ने मित्र खाड़ी देशों से आए उपहारों में से तीन महंगी घड़ियों की बिक्री की थी, जिसमें उन्होंने 36 मिलियन रुपए कमाए थे. उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने कानूनी अनुमति भी दी थी. बाद में अक्टूबर 2022 को पाकिस्तान के चुनाव आयोग की पांच सदस्यीय पीठ द्वारा तोशाखाना मामले में इमरान को पांच साल के लिए सार्वजनिक कार्यालय संभालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. साथ ही इमरान खान के खिलाफ भ्रष्टाचार कानूनों के तहत कार्रवाई करने की बात की गई थी.

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