राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी अखबारों की खबरों को फर्जी और पत्रकारों को जनता का दुश्मन बताया था. जिसके बाद अमेरिकी अखबार ट्रंप के खिलाफ संपादकीय लिख रहे हैं. अमेरिका के 300 से अधिक अखबारों ने संपादकीय के माध्यम से डोनाल्ड ट्रंप से कहा है कि सच्ची खबरों को फेक न्यूज और पत्रकारों को यूएस विरोधी कहना बंद करो.
न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विवादों का पुराना नाता रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी अखबारों की खबरों को फर्जी और पत्रकारों को जनता का दुश्मन बताया था. जिसके बाद अमेरिकी अखबार ट्रंप के खिलाफ संपादकीय लिख रहे हैं. अमेरिका के 300 से अधिक अखबारों ने संपादकीय के माध्यम से डोनाल्ड ट्रंप से कहा है कि सच्ची खबरों को फेक न्यूज और पत्रकारों को यूएस विरोधी कहना बंद करो. यूएस के प्रमुख समाचार पत्रों से लेकर छोटे स्थानीय अखबारों ने ट्रंप के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी अखबारों ने गुरुवार को देश में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के एक संयुक्त प्रयास में अपने-अपने अखबारों में खाली जगह छोड़ दी. रिपोर्ट के अनुसार अखबारों से प्रशासन द्वारा प्रेस पर हमले के खतरों को लेकर एक संपादकीय लिखने का संकल्प लिया गया है और दूसरों से भी ऐसा करने को कहा है. यह कदम मीडिया के खिलाफ राष्ट्रपति के ‘डर्टी वॉर’ की राष्ट्रव्यापी निंदा के लिए बॉस्टन ग्लोब द्वारा शुरू किया गया, जिसमें हैशटैग एनेमीऑफनन का प्रयोग किया गया. ट्रंप पत्रकारों और खबरों की बराबर आलोचना करते रहते हैं.
बोस्टन ग्लोब ने कहा कि उसने अखबारों के बीच समन्वय का काम किया. बोस्टन ग्लोब ने देश के समाचार पत्रों को प्रेस के लिए खड़े होने और इस संबंध में संपादकीय प्रकाशित करने को कहा था. इसमें से कई संपादकीय कल से ही ऑनलाइन दिखने लगे थे. ग्लोब के ओपेड संपादक मार्जोरी प्रिचर्ड के अनुसार, करीब 300 से अधिक अखबार संगठन इसमें शामिल होने के लिए सामने आए. सेंट लुईस में पोस्ट डिस्पैच ने मीडिया से ‘सच्चा देशभक्त’ बनने का आह्वान किया.
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