नई दिल्ली: इस्लामिक जगत में ईरान और सऊदी अरब के बीच की तनातनी किसी से छिपी हुई नहीं है. मध्य पूर्व के दोनों देशों को एक-दूसरे का जानी दुश्मन माना जाता है. जहां शिया बाहुल ईरान का झुकाव चीन और रूस की ओर ज्यादा है. वहीं सऊदी अरब, अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है. इस बीच […]
नई दिल्ली: इस्लामिक जगत में ईरान और सऊदी अरब के बीच की तनातनी किसी से छिपी हुई नहीं है. मध्य पूर्व के दोनों देशों को एक-दूसरे का जानी दुश्मन माना जाता है. जहां शिया बाहुल ईरान का झुकाव चीन और रूस की ओर ज्यादा है. वहीं सऊदी अरब, अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है.
इस बीच लेबनान पर हो रहे इजराइली हमले ने दोनों दुश्मन देशों के बीच की दूरियां थोड़ी खत्म कर दी है. ईरान और लेबनान के दुश्मन देश माने जाने वाले सऊदी अरब ने इजरायल के हमलों पर अपनी चिंता जाहिर की है.
सऊदी अरब की सरकार ने लेबनान के वर्तमान हालात पर एक बयान जारी किया है. इस बयान ने सऊदी सरकार ने कहा है कि वे लेबनान के वर्तमान हालात पर पूरी गंभीरता के साथ नजर बनाए हुए हैं. सऊदी सरकार ने कहा कि लेबनान की संप्रभुता का बने रहना बहुत ही जरूरी है.
बता दें कि लेबनान के सैन्य संगठन हिजबुल्लाह के प्रमुख नसरल्लाह की शुक्रवार-27 सितंबर को इजरायल के मिसाइल हमले में मौत हो गई. नसरल्लाह की मौत पर मुस्लिम देशों में रोष का माहौल है. दुनिया भर के शिया समुदाय नसरल्लाह की मौत पर शोक जताते हुए इजरायल के खिलाफ विरोध मार्च कर रहा है.
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