नई दिल्ली। उत्तर कोरिया में दो साल बाद कोरोना का पहला मामला मिला है। नए मामले की पुष्टि के बाद किम जोंग उन ने अपील की है कि कोरोना से बचाव के उपायों को और बढ़ाया जाए और उनका सख्ती से पालन किया जाए। साथ ही देश में लॉकडाउन का आदेश दे दिया गया है। […]
नई दिल्ली। उत्तर कोरिया में दो साल बाद कोरोना का पहला मामला मिला है। नए मामले की पुष्टि के बाद किम जोंग उन ने अपील की है कि कोरोना से बचाव के उपायों को और बढ़ाया जाए और उनका सख्ती से पालन किया जाए। साथ ही देश में लॉकडाउन का आदेश दे दिया गया है। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने बताया कि राजधानी प्योंगयांग में गुरुवार को कुछ लोगों के सैंपल की जांच की गई। इनमें कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि हुई थी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, लोगों को घर के अंदर रहने के लिए कहा गया है और अधिकारियों द्वारा देशव्यापी तालाबंदी लागू की गई है।
गुरुवार को उत्तर कोरिया ने अपने पहले कोविड-19 मामले की जानकारी दी। वहां की सरकारी मीडिया ने इसे गंभीर राष्ट्रीय आपातकाल बताया है। दुनिया में कोरोना वायरस को सामने आए दो साल से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन अब तक उत्तर कोरिया कोरोना के मामलों की मौजूदगी की जानकारी नहीं दी थी। आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि कोविड के नए रिपोर्ट किए गए मामले वायरस के खतरनाक ओमाइक्रोन संस्करण से जुड़े हैं।
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि किम जोंग उन ने ओमिक्रॉन वैरायटी की पुष्टि के बाद पार्टी ने अधिकारियों की बैठक बुलाई और घोषणा की कि वे कोरोना से बचाव के लिए नियमों को सख्ती से लागू करें और लोगों से इसका पालन करवाएं। एजेंसी ने कहा कि बैठक का उद्देश्य कम से कम समय में कोरोना को जड़ से खत्म करना था। वहीं जानकारों का कहना है कि उत्तर कोरिया की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए देश को कोरोना के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
कोरिया की सरकारी मीडिया ने बताया कि देश में सबसे बड़ी आपातकालीन घटना हुई है। फरवरी 2020 से पिछले दो साल तीन महीने में देश को सुरक्षित रखा गया, लेकिन अब यहां कोरोना की घुसपैठ हो गई है। कितने लोग कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं, इसकी जानकारी समाचार एजेंसी ने नहीं दी है। उत्तर कोरिया में महामारी की शुरुआत के बाद से ही देश में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए सख्त कोविड नीति लागू की गई थी। यह भी दावा किया गया है कि किम जोंग उन देश में सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं और वैश्विक स्तर पर अलगाव के कारण चिंतित हैं।
एलपीजी: आम लोगों का फिर बिगड़ा बजट, घरेलू रसोई गैस सिलेंडर 50 रूपये हुआ महंगा