नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा है कि आज सिर्फ भारत के पास इस जंग को रोकने की क्षमता है। न्यूज एक्स वर्ल्ड से एक्सक्लूसिव बातचीत में एबॉट ने एक प्रस्ताव भी दिया। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में युद्ध विराम होता है तो भारत निगरानी के लिए यूक्रेन में अपनी सेना भेज सकता है। भारत की भागीदारी से रूसी सेना यूक्रेन में घुसपैठ करने के बारे में सोचेगी भी नहीं।
सिर्फ भारत रोक सकता है जंग
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई पीएम एबॉट ने जोर देते हुए कहा कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम हो जाता है तो भारत शांति बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के दीर्घकालिक संबंध है। भारत की ताकतवर सेना के पास युद्ध विराम को बनाए रखने की क्षमता है।न्यूज एक्स वर्ल्ड से बातचीत में एबॉट ने कहा कि रूस के साथ भारत के पारंपरिक रूप से अच्छे संबंध हैं। भारत की सेना एक बहुत ही सक्षम, सम्मानित और अत्यधिक पेशेवर सेना है। भविष्य में अगर युद्ध विराम होता है तो फिर भारत को यूक्रेन में सेना भेजकर यथास्थिति बरकरार रखने की कोशिश करनी चाहिए।
मध्यस्थता के लिए भारत बेहतर विकल्प
टोनी एबॉट ने कहा कि रूस-यूक्रेन जंग को रोक पाने में यदि ब्रिटेन या फ्रांस जैसे नाटो देश कामयाब नहीं हो पा रहे हैं तो भारत को आगे आना चाहिए। भारत इस युद्ध में मध्यस्थ बनने के लिए सबसे अच्छा और सबसे स्वीकार्य विकल्प है। उन्होंने कहा कि भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था और मजबूत सैन्य बल वाला एक अत्यधिक विश्वसनीय देश है। भारत के पास अपनी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता भी है। मेरा मानना है कि तुर्की जैसे राज्य की तुलना में भारत निश्चित रूप से एक सक्षम मध्यस्थ बनने के लिए बेहतर स्थिति में है।
भारत विश्वसनीय देश
एबॉट शांति स्थापना में भारत की भागीदारी को वैश्विक जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि यह न केवल शांतिपूर्ण दुनिया बनाने की दिशा में भारत का एक बड़ा योगदान होगा, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए एक संकेत व संदेश होगा कि भारत आर्थिक रूप से काफी मजबूत हुआ है और वैश्विक भूमिका निभाने के लिए तैयार है. उन्होंने संघर्ष के लिए संभावित शांति मध्यस्थ के रूप में तुर्की की तुलना में भारत को बेहतर बताया. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत मजबूत अर्थव्यवस्था और मजबूत सैन्य बलों वाला एक अत्यधिक विश्वसनीय देश है, जिसके पास अपनी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता है।
एबॉट ने की जेलेंस्की की तारीफ
एबॉट ने युद्ध में साहसिक नेतृत्व के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की सराहना की। उन्होंने कहा कि पैसे लेकर भागने वाले अफ़गान नेताओं के विपरीत, ज़ेलेंस्की ने अमेरिका के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने गोला-बारूद देने का अनुरोध किया।हालांकि युद्ध से पहले ज़ेलेंस्की की आलोचना की गई थी, लेकिन जनता की राय में बदलाव दिखा। एबॉट ने यूक्रेनी भूमि पर कब्जे और युद्ध की स्थिति के मद्देनजर मतदान स्थगित करने के ज़ेलेंस्की के कदम का बचाव किया। देश के लिए सख्ती से बातचीत करने का मतलब यह नहीं है कि वह देश पर शासन करने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। यूक्रेन के लोग पूरे युद्ध के दौरान अपने राष्ट्रपति के साथ एकजुट रहे।
यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी मिलनी चाहिए
एबॉट ने चेतावनी दी कि भविष्य में कोई भी युद्ध विराम उचित शर्तों पर सार्थक और स्थाई होना चाहिए। उन्होंने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को उसकी आक्रामकता खत्म होने तक जायज बताया. उन्होंने जोर देकर कहा कि यूक्रेन को क्रीमिया छोड़ने के लिए विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी मिलनी चाहिए. साथ ही संभावित विद्रोह को रोकने के लिए दीर्घकालिक सुरक्षा तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया।