नई दिल्ली : तालिबान के काले कानून अफगानिस्तान में महिलाओं के जीवन को घोर अँधेरे में कैसे डाल रहे हैं इस बात से आज कोई भी अनजान नहीं है. आए दिन तालिबान के इन काले कानूनों का कोई ना कोई फरमान सामने आता रहता है. हाल ही में तालिबान सरकार ने महिलाओं के जीवन पर […]
नई दिल्ली : तालिबान के काले कानून अफगानिस्तान में महिलाओं के जीवन को घोर अँधेरे में कैसे डाल रहे हैं इस बात से आज कोई भी अनजान नहीं है. आए दिन तालिबान के इन काले कानूनों का कोई ना कोई फरमान सामने आता रहता है. हाल ही में तालिबान सरकार ने महिलाओं के जीवन पर और तेज शिकंजा कसते हुए अनोखा फरमान जारी किया था. इस फरमान के अनुसार महिलाओं को अब काम करने की अनुमति भी नहीं दी गई है. अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार के इस आदेश को लेकर अब मुस्लिम संगठन इस्लामिक देशों के संगठन OIC, कतर और यूएई ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
The #OIC Secretary-General, H.E. #Hissein_Brahim_Taha, expressed his exacerbated concerns over the reported ban, as the decision comes hard on the heels of the ban a few days earlier barring #Afghan women and #girls from accessing universities. #OIC4Afg
— OIC (@OIC_OCI) December 25, 2022
इस इस्लामिक देशों के संगठन ओर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने हाल ही में तालिबानी सरकार के इस फरमान को लेकर अपना बयान जारी किया है. इस बयान के अनुसार संगठन ने कहा है कि तालिबान के इस कदम से अफगान महिलाओं के मौलिक अधिकारों को एक और गंभीर झटका लगा है.ओआईसी के महासचिव हिसेन ताहा कहते हैं कि ‘तालिबान का यह कानून प्रत्यक्ष रूप से अफगान महिलाओं के अधिकारों को अधिक प्रभावित करने की मंशा दिखाता है. उन्होंने आगे तालिबान प्रशासन से इस निर्णय पर फिर विचार करने के लिए भी कहा है. उनके अनुसार महिलाओं के सामाजिक समावेशन और अफगानिस्तान में जरूरी अंतरराष्ट्रीय मानवीय सुरक्षा तंत्र को जारी रखने के लिए तालिबान को इस कदम पर एक बार फिर विचार करना चाहिए.
HE Lana Nusseibeh underscores that the decision by the Taliban to ban women from working in NGOs will undoubtedly exacerbate humanitarian suffering in #Afghanistan, stressing that #Islam honours the role of women and upholds their rights. https://t.co/OF7sTXo6v3
— Afra Al Hameli (@AfraMalHameli) December 26, 2022
मालूम हो अब अफगानिस्तान में महिला कर्मचारियों को गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ काम करने की अनुमति नहीं है. तालिबानी के इस फैसले पर कतर ने गहरी चिंता व्यक्त की है. कतर ने तालिबान को नसीहत दी है कि महिलाओं के अधिकार का सम्मान करना चाहिए. कतर के विदेश मंत्रालय ने भी हाल ही में अपना एक बयान जारी किया था. इस बयान में कतर ने कहा कि’ महिलाओं को भी काम चुनने और उसे करने का मानवीय अधिकार है.’
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