बांग्लादेशी कट्टरपंथी अब देश का नाम और झंडा बदलने की तैयारी कर रहे हैं। कट्टरपंथियों के इस प्लान का यूनुस ने भी समर्थन किया है। कट्टरपंथियों की इस चाल को लेकर iTV नेटवर्क ने एक सर्वे किया है।
नई दिल्ली। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद अब कट्टरपंथियों का पूरे देश में बोलबाला है। नाम मात्र के लिए मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतिम सरकार को ढाका में बिठा दिया गया है लेकिन देश के सभी बड़े फैसले कट्टरपंथी नेताओं के द्वारा ही लिए जा रहे हैं। इस बीच चर्चा है कि बांग्लादेशी कट्टरपंथी अब देश का नाम और झंडा बदलने की तैयारी कर रहे हैं। कट्टरपंथियों के इस प्लान का यूनुस ने भी समर्थन किया है।
बांग्लादेशी कट्टरपंथियों की इस चाल को लेकर iTV नेटवर्क ने एक सर्वे किया है। आइए जानते हैं सर्वे के नतीजे…
हां- 56%
नहीं- 37%
कह नहीं सकते- 7%
बता दें कि बांग्लादेश के कट्टरपंथी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस बांग्लादेश लाकर सजा देना चाहते हैं। इसे लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पिछले दिनों भारत को एक पत्र भी लिखा था, जिसमें हसीना के प्रत्यर्पण की बात कही थी। मालूम हो कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना पर हत्या, अपहरण और देशद्रोह समेत 225 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। बांग्लादेश कई बार चेतावनी दे चुका है कि भारत में रहकर शेख हसीना जो बयानबाजी कर रही हैं उससे दोनों देशों के रिश्तों को नुकसान हो रहा है।
मालूम हो कि बांग्लादेश में कुछ महीने पहले आरक्षण के विरोध में एक देशव्यापी हिंसक आंदोलन हुआ था। यह आंदोलन अपने आखिरी वक्त में इतना ज्यादा उग्र हो गया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपना पद छोड़कर भारत भागना पड़ा। हसीना अपनी बहन के साथ भारत के गाजियाबाद आ गई थीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह नई दिल्ली में एक सेफ हाउस में रही हैं। उधर बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ। यह सरकार फिलहाल देश की बागडोर संभाल रही है।
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