UAE: जैसा कि हम सब जानते हैं दुबई एक मुस्लिम मुल्क है. इस वजह से यहाँ पर शराब सरेआम नहीं बिकती। इसे बेचने के लिए देश में कुछ नियम कायदे हैं. लेकिन आपको बता दें, शराब का कारोबार करने वालों और शौकीनों के लिए एक अहम ख़बर निकल कर आ रही है. मुहैया जानकारी के मुताबिक, नए साल आगाज़ पर दुबई ने शराब पर कुछ रियायतें पेश की है. मिला-जुला के यह कहना गलत नहीं होगा कि शौकीनों के लिए यह नए साल के तोहफे की तरह है
जैसा कि हमने आपको बताया दुबई में कुछ कायदों की बुनियाद पर शराब बेचना जायज़ है. इसी तरह यहाँ पर शराब की बिक्री करने के लिए लाइसेंस ले पाना भी काफी मशक्क्त वाला काम है. लेकिन अब दुबई की सरकार अपने मुल्क़ में विदेशी पर्यटकों और सैलानियों की तादाद में इज़ाफ़ा करना चाहती है. यही वजह है कि दुबई ने फैसला किया है कि अब शराब की खरीद-फरोख्त पर सहूलियतें दी जाएगी।
ताज़ा ख़बरों के मुताबिक, दुबई में शराब की बिक्री पर अब लाइसेंस के लिए फीस नहीं देनी होगी. साथ ही यहाँ पर शराब पर वसूला जाने वाला 30% का टैक्स भी हटाया जा रहा है. बताते चलें, यह ऐलान देश की सत्ता पर काबिज अल मख्तूम परिवार की तरफ की किया गया है. फिलहाल इस ऐलान पर यूएई की सरकार ने कुछ भी नहीं कहा है.
बता दें, दुबई में शराब पर वसूले जाने वाले टैक्स से सरकार को बड़ा फायदा होता है. ऐसे में अगर यह नया कानून लागू होता है तो दुबई सरकार की आय में कटौती होगी। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि इस फैसले से टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा
नियम-कायदों की बात करें तो दुबई में शराब पीने की उम्र 21 साल या उससे भी ज्यादा तय की गई है. यही नहीं, दुबई जैसे देश में शराब पीने के लिए वहाँ की पुलिस की तरफ से जारी किया गया एक ख़ास किस्म का प्लास्टिक कार्ड रखना भी ज़रूरी होता है. ये कार्ड रखने वाले ही शराब पी सकते हैं और खरीद-फरोख्त कर सकते हैं.
जैसा कि हमने आपको बताया इस ख़ास कार्ड को रखने वाले ही शराब पी सकते हैं और इसे खरीद-बेच सकते हैं. ऐसे में अगर किसी ऐसे शख्स के पास से शराब बरामद की जाती है जिसके बाद यह कार्ड मौजूद नहीं है. तो उस शख्स के खिलाफ सख्ती बरती जाती है. साथ ही ऐसा कहा जाता है कि सिर्फ शेखों के बार में इस ख़ास प्लास्टिक कार्ड की जरूरत नहीं पड़ती है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, दुबई में कुछ ऐसे भी हैं जहाँ पर शराब पीने से लेकर इसे खरीदने और बेचने पर भी पाबंदी है. यह वो इलाके हैं जिसकी सरहद मिडिल ईस्ट से मिलती है. बता दें, यूएई की राजधानी अबू धाबी में “शराब लाइसेंस सिस्टम” को 2020 में ही हटा दिया गया था.
वैसे तो इस्लाम में शराब हराम है लेकिन सभी इससे परहेज नहीं करते हैं. कुछ अकेले में तो कुछ खुले में इसका सेवन करते हैं. दुनियाभर के मुसलमानों पर किये गए एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि ज्यादातर लोगों की यह राय थी कि शराब पीना गलत है. जिन देशों में यह सर्वेक्षण किया गया, उनमें ड, घाना, मलेशिया, फिलीस्तीनी क्षेत्र, इंडोनेशिया, नाइगर और पाकिस्तान जैसे मुल्क शामिल थे. इन देशों में बड़े तबके का यही मानना था कि शराब गलत है. वहीं कुछ लोगों की राय इसके उल्ट थी.
आपको बता दें, इस्लामिक देशों में भी शराब की बिक्री होती है लेकिन इसको लेकर नियम और कायदों में फर्क होता है. बता दें, इसकी बिक्री और सेवन को लेकर भी अलग-अलग नियम बनाए हुए है. मिसाल के तौर पर सऊदी अरब जैसे मुल्क में शराब पीने से लेकर इसकी खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह से पाबंदी है. ऐसा करने पर कोड़े मारने की सजा, कैद, जुर्माना और विदेशियों को देश से निकालने की सजा का ऐलान है.
(Disclaimer: इस खबर के साथ दी जो फोटो दी गई वह सांकेतिक है. इनख़बर किसी भी तरह से शराब के सेवन को बढ़ावा नहीं देता है. शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.)
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