NASA DART Mission:अब एस्टेरॉयड से बच सकेगी पृथ्वी, NASA का परीक्षण सफल

वाशिंगटन: आंतरिक्ष की दुनिया में इंसानों की पकड़ बढ़ रही है। मानव मंगल, चांद से लेकर सूर्य के आस-पास तक के क्षेत्रों तक पहले ही पहुंच चुका है। वहीं आतरिक्ष से पृथ्वी की ओर आ रही उल्का पिंड (एस्‍टराइड) से खुद को बचाने में सक्षम हो गया है। अमेरिकी स्पेस एजेंशी NASA ने पृथ्वी सुरक्षा […]

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NASA DART Mission:अब एस्टेरॉयड से बच सकेगी पृथ्वी, NASA का परीक्षण सफल

Satyam Kumar

  • September 27, 2022 1:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

वाशिंगटन: आंतरिक्ष की दुनिया में इंसानों की पकड़ बढ़ रही है। मानव मंगल, चांद से लेकर सूर्य के आस-पास तक के क्षेत्रों तक पहले ही पहुंच चुका है। वहीं आतरिक्ष से पृथ्वी की ओर आ रही उल्का पिंड (एस्‍टराइड) से खुद को बचाने में सक्षम हो गया है। अमेरिकी स्पेस एजेंशी NASA ने पृथ्वी सुरक्षा सिस्टम में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

सफल रहा परीक्षण

NASA ने आज सुबह एक बड़ा कीर्तिमान रचते हुए पृथ्‍वी को एस्‍टराइड से बचाने का टेस्ट किया। NASA ने इसे ‘डार्ट मिशन’ का नाम दिया। जिसका स्पेस एजेंशी ने सफलतापूर्वक परीक्षण भी कर लिया है। यह मानव सभ्यता के विकास में पहली बार हुआ है। जब किसी ग्रह रक्षा प्रणाली (Planetary defense system) यानि डार्ट मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इसका फायदा भविष्य में किसी भी एस्टोरायड को पृथ्वी से टकराने से पहले ही खत्म करने में मिलेगा।

NASA ने किया लाइव प्रसारण

धरती के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। आज सुबह 4 बजे 45 मिनट पर नासा (NASA) ने इस कीर्तिमान को रचा है। NASA पृथ्‍वी को ऐस्‍टराइड से बचाने का सफलत परीक्षण किया है। साथ ही वह अपने डार्ट मिशन में कामयाब रहा। बता दें कि परीक्षण के दौरान NASA का अंतरिक्ष यान डिमोर्फोस नामक एक एस्टराइड से टकराया। डार्ट स्पेसक्राफ्ट से टकराने वाले उल्का पिंड (एस्टराइड) की लंबाई करीब 169 मीटर थी। NASA ने इसका लाइव प्रसारण किया जिसमें DART के कैमरे द्वारा क्यूब के आकार के उल्का पिंड से टकराते हुए दिखा।

NASA का DART मिशन

डार्ट मिशन का लक्ष्य यह देखना था कि एक अंतरिक्ष यान तीव्र गति बल के सहारे एस्‍टराइड की दिशा को बदलने में सक्षम है या नहीं! साथ ही इससे भविष्य में हमारे ग्रह को नुकसान पहुंचाने वाले क्षुद्रग्रहों से बचाया जा सकता है कि नहीं! बता दें कि हमारी पृथ्वी को गलोबल वार्मिंग से ज्यादा खतरा एस्‍टराइड से है। और मिशन को सफलता को पृथ्वी के सुरक्षा प्रणाली के विकास के रूप में देखा जा रहा है।

 

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