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अब कोरोना का 3 मिनट में चलेगा पता, इस डिवाइस से सांस के जरिए होगा कोविड टेस्ट

नई दिल्ली। दुनिया में एक बार फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. जिससे वैज्ञानिक भी इस बार कोरोना की लहर को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं व्यक्त कर रहे हैं. इस बीच, यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने कोविड -19 का पता लगाने के लिए ब्रीथलाइजर को आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी है. इस डिवाइस से सांस के जरिए कोविड-19 का पता लगाया जा सकता है.

ये है डिवाइस का नाम

दरअसल, इस डिवाइस का नाम InspectIR Covid-19 Breathalyzer है. यह रासायनिक मिश्रणों को अलग करने और पहचानने के लिए गैस मास-स्पेक्ट्रोमेट्री (जीसी-एमएस) नामक एक तकनीक का उपयोग करता है और सांस के साथ एसएआरएस-सीओवी -2 संक्रमण से जुड़े पांच वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (वीओसी) का उपयोग करता है. साथ ही तेजी से कोविड का पता लगाता है. FDA ने एक बयान में कहा कि जब InspectIR COVID-19 Breathalyzer SARS-CoV-2 के VOC मार्करों की उपस्थिति का पता लगाता है, तो एक अनुमानित सकारात्मक परीक्षा परिणाम लौटाता है, आणविक परीक्षण का उपयोग किया जाना चाहिए.

2409 लोगों पर हो चुका है टेस्ट

एफडीए के मुताबिक इस डिवाइस के अनुसार इस डिवाइस से सांस के जरिए आसानी से कोविड-19 का पता लगाया जा सकता है. इसकी रिपोर्ट करीब तीन मिनट में आती है. जो व्यक्ति की सांस के माध्यम से कोरोना वायरस के पांच वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों की पहचान करने में सक्षम है. एजेंसी ने कहा कि एक अध्ययन में करीब 2,409 लोगों ने हिस्सा लिया था. जिसमें बिना लक्षण वाले और बिना लक्षण वाले दोनों लोगों को शामिल किया गया. परीक्षण में 99.3 प्रतिशत विशिष्टता दर थी, जो सही ढंग से पहचाने गए नकारात्मक परीक्षण नमूनों के प्रतिशत को मापता है.

FDA ने यह भी बताया कि InspectIR COVID-19 Breathalyzer में 91.2 प्रतिशत संवेदनशीलता दर थी, जो सही ढंग से पहचाने गए सकारात्मक परीक्षण नमूनों के प्रतिशत को मापता है. हालांकि, स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि COVID-19 सांस परीक्षण द्वारा लौटाए गए सकारात्मक परीक्षण परिणामों की पुष्टि के लिए एक आणविक परीक्षण का उपयोग किया जाना चाहिए. द हिल के अनुसार, एफडीए के सेंटर फॉर डिवाइसेज एंड रेडियोलॉजिकल हेल्थ के निदेशक जेफ शूरेन ने एक बयान में कहा कि आज का प्राधिकरण तेजी से नवाचार का एक और उदाहरण है जो सीओवीआईडी ​​​​-19 के लिए नैदानिक ​​​​परीक्षणों के साथ होता है. एजेंसी ने कहा कि इससे रोजाना 160 सैंपल की जांच की जा सकेगी. बाद में इसके बढ़ने की संभावना है.

Pravesh Chouhan

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