नई दिल्ली: हाल ही में धार्मिक जगत में एक नई पहल ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में एक ऐसा केंद्र स्थापित किया गया है जो यहूदियों, ईसाइयों और मुसलमानों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहा है। इस पहल को इब्राहीमिक फेथ सेंटर का नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य है, आपसी मतभेदों को खत्म कर, शांति और भाईचारे को बढ़ावा देना।
भारत के प्रख्यात धार्मिक विचारक डॉ. उमैर इलियासी ने इस दिशा में एक अहम बयान दिया है। उनका मानना है कि तीनों अब्राहमिक धर्मों की जड़ें एक ही हैं और यदि लोग इस मूल को समझ पाएं, तो आपसी दूरी खुद ही कम हो जाएगी।
डॉ. इलियासी के अनुसार, यह नया विचार किसी पर थोपा नहीं जाएगा, बल्कि यह उन लोगों के लिए है जो धार्मिक विभाजन के स्थान पर साझा मूल्यों को अपनाना चाहते हैं। इस पहल में ऐसा कोई नया देवता या सिद्धांत नहीं लाया गया है, बल्कि तीनों धर्मों की साझी शिक्षाओं को एक साझा ढांचे में प्रस्तुत किया गया है।
इस पहल में साझा पूजा स्थलों की परिकल्पना की गई है, जहाँ तीनों धर्मों के लोग एक ही छत के नीचे अपनी-अपनी धार्मिक प्रार्थनाएँ कर सकेंगे। साथ ही, यह विचार धीरे-धीरे दुनियाभर के धार्मिक नेताओं और समुदायों के माध्यम से फैलाया जाएगा। इस कदम को लेकर दुनिया भर में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कुछ इसे धार्मिक सौहार्द की दिशा में एक सकारात्मक पहल मानते हैं, तो कुछ लोग इसे पारंपरिक आस्थाओं के लिए एक चुनौती के रूप में देख रहे हैं।भविष्य में यह पहल कितनी सफल होगी, यह समय ही बताएगा। लेकिन इतना निश्चित है कि यह विचार एकता और समझदारी के नए रास्ते खोल सकता है।