नई दिल्ली। हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह शुक्रवार, 27 सितंबर को इजराइली हमले में मारा गया। नसरल्लाह को मारने के लिए इजराइल ने लेबनान के बेरूत स्थित उसके हेड क्वार्टर पर 80 टन बम का इस्तेमाल किया। नसरल्लाह के मारे जाने से दुनिया भर के मुसलमान दुखी हैं। इसी बीच यूरोपियन कमीशन के उपाध्यक्ष ने बड़ा […]
नई दिल्ली। हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह शुक्रवार, 27 सितंबर को इजराइली हमले में मारा गया। नसरल्लाह को मारने के लिए इजराइल ने लेबनान के बेरूत स्थित उसके हेड क्वार्टर पर 80 टन बम का इस्तेमाल किया। नसरल्लाह के मारे जाने से दुनिया भर के मुसलमान दुखी हैं। इसी बीच यूरोपियन कमीशन के उपाध्यक्ष ने बड़ा बयान दिया है।
यूरोपियन कमीशन के उपाध्यक्ष जोसेफ बोरेल का कहना है कि हम बेंजामिन नेतन्याहू को समझाकर थक चुके हैं लेकिन वो कुछ भी समझने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू पूरी तरह से काबू से बाहर हो चुके हैं और किसी की सुनने को तैयार नहीं है। उनके ऊपर डिप्लोमेटिक तौर पर दबाव बनाकर भी कोशिश की गई। हालांकि नेतन्याहू पर किसी दबाव का असर नहीं पड़ रहा है। नेतन्याहू ने कसम खाई है कि वो इस्लामी आतंकी संगठनों को पूरी तरह खत्म करके रहेंगे।
31 अगस्त, 1960 को बेरूत के उत्तरी बुर्ज हम्मूद उपनगर में जन्मा हसन नसरल्लाह एक गरीब किराना व्यपारी का बेटा था। उसके 8 भाई बहन थे। 1992 में हिजबुल्लाह चीफ बना और तब से इस संगठन का नेतृत्व कर रहा था। नसरल्लाह पिछले दो दशकों में गुप्त स्थान से भाषण देता था और उसे रिकॉर्ड करके प्रचारित किया जाता था। उसे लेबनान का सबसे ताकतवर आदमी कहा जाता था। इजरायल के सबसे बड़े दुश्मनों में नसरल्लाह एक था।
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