नई दिल्ली। इस समय पूरा देश आने वाले नए साल के जश्न में डूबा हुआ है। सभी को ये उम्मीद है कि आने वाला साल अपने साथ नई आकांक्षाएं, नए लक्ष्य, नए रिश्ते और नए अवसर लेकर आएगा। मगर क्या आपको पता है कि भारत के कई पड़ोसी देश ऐसे हैं जहां 1 जनवरी को […]
नई दिल्ली। इस समय पूरा देश आने वाले नए साल के जश्न में डूबा हुआ है। सभी को ये उम्मीद है कि आने वाला साल अपने साथ नई आकांक्षाएं, नए लक्ष्य, नए रिश्ते और नए अवसर लेकर आएगा। मगर क्या आपको पता है कि भारत के कई पड़ोसी देश ऐसे हैं जहां 1 जनवरी को न्यू ईयर नहीं मनाया जाता है। तो आखिर ये देश किस दिन नया साल मनाते हैं? आइए जानते हैं इन पड़ोसी देशों के बारे में।
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में 14 अप्रैल के दिन नया साल मनाया जाता है। श्रीलंका में ये दिन सिंहली नव वर्ष या अलुथ अवुरुद्दा के रूप में जाना जाता है। यहां नया साल का दिन फसल के मौसम के अंत का प्रतीक है। जब परिवार, दोस्तों और यहां तक कि अजनबियों के स्वागत को प्रोत्साहन देने के लिए श्रीलंकाई लोग अपने सामने के दरवाजे खुले रखते हैं। साथ ही इस दिन यहां खास तरीके के पारंपरिक व्यंजन भी बनाए जाते है। श्रीलंका में इस अवसर लोग प्राकृतिक चीजों से स्नान करते हैं।
चीन में फरवरी के पहले सप्ताह में नव वर्ष मनाया जाता है। चीन में नव वर्ष को वसंत महोत्सव या चंद्र नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है। यहां ये दिन वसंत फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिने देश भर में रंग-बिरंगे ड्रेगन, रोड शो, लालटेन और मनोरंजक गतिविधियां देखी जा जाती हैं। चीन के लोगों का नया साल 20 जनवरी से 20 फरवरी के बीच आता है। यही नहीं चीन के अवाला वियतनाम, दक्षिण कोरिया और मंगोलिया में भी चंद्र कैलेंडर के मुताबिक ही नया साल मनाते हैं।
ईरान का कैलेंडर, पारसी कैलेंडर है, जिसके अनुसार न्यू ईयर 21 मार्च से शुरू होता है। ये वसंत उत्सव का दिन होता है। ईरान में नए साल के दिन नौरोज़ की छुट्टी होती है। इस तरह देखा जाए तो ईरान में 1 जनवरी एक सबसे सामान्य दिन की तरह होता है। जबकि नवरोज़ से नए साल की शुरुआत मानी जाती है।
दुनिया में अधिकांश इस्लामिक देश, इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार ही न्यू ईयर मनाते हैं। जिसके कारण इस्लामिक नव वर्ष या रास अस-सनाह अल-हिजरिया की तारीख हर साल बदलती रहती है। बता दें कि यहां इस दिन पैगंबर मोहम्मद के मक्का से मदीना प्रवास का जश्न मनाया जाता है, जिसे हिजरा के नाम से भी जाना जाता है।
भारत के पड़ोसी देशों में से एक थाईलैंड के लोग भी 1 जनवरी को नया साल नहीं मनाते हैं। यहां के लोगों का न्यू ईयर अप्रैल से शुरू होता है। थाईलैंड में इसे जल महोत्सव या सोंगक्रण भी कहा जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे को ठंडे पानी से भिगोते हैं। साथ ही नए साल की बधाई भी देते हैं।
रूस और यूक्रेन में भी लोग 1 जनवरी को न्यू ईयर के आगाज का दिन नहीं मानते। यहां 14 जनवरी को नए साल की शुरूआत मानी जाती है। यहां इस दिन जमकर आतिशबाजी होती है। साथ ही लोग अपने परिवार और दोस्तों के बीच मिठाईयां बांटते हैं।
पाकिस्तान भी भारत का ऐसा पड़ोसी देश है जहां के लोग अपना नया साल 1 जनवरी को नहीं मानते हैं। पाकिस्तान के लोगों के लिए नया साल मुहर्रम के पहले दिन से शुरू होता है।