नई दिल्ली। नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल को आज सुबह फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया है. राष्ट्रपति को सीने में दर्द की शिकायत के बाद राजधानी काठमांडू में स्थित त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. नेपाल के राष्ट्रपति के निजी सचिव चिरंजीबी अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने […]
नई दिल्ली। नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल को आज सुबह फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया है. राष्ट्रपति को सीने में दर्द की शिकायत के बाद राजधानी काठमांडू में स्थित त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. नेपाल के राष्ट्रपति के निजी सचिव चिरंजीबी अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल की हेल्थ कंडीशन अभी नॉर्मल है.
बता दें कि इससे पहले अप्रैल में पौडेल को छाती और पेट की समस्या हुई थी, इसके बाद उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के एम्स लाया गया था.
Nepal President Ram Chandra Poudel hospitalized after chest pain
"He has been admitted to Manmohan Cardiothoracic Vascular and Transplant Center in Tribhuwan University Teaching Hospital earlier this morning after he complained of chest pain. His health condition is normal,"… pic.twitter.com/VeVCT5az1H
— ANI (@ANI) June 17, 2023
इससे पहले 19 अप्रैल को नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल को इलाज के लिए एम्स दिल्ली शिफ्ट किया गया था. पौडेल ऑक्सीजन लेवल में गिरावट के बाद पहले काठमांडू के महाराजगंज स्थित त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. नेपाल के राष्ट्रपति का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया था कि उनके फेफड़ों में इंफेक्शन हो गया था.
राष्ट्रपति पौडेल इससे पहले 2 अप्रैल को भी पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे. उनके चीफ एडवाइजर सुरेश चालीसे ने बताया था कि राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने पेट में तेज दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
गौरतलब है कि, राम चंद्र पौडेल ने पिछले महीने मार्च में नेपाल के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. पौडेल नेपाल की कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रतिद्वंदी सुभाष चंद्र नेम्बवांग को 18,284 वोटों के भारी अंतर से मात दी थी.
नेपाल के नए राष्ट्रपति चुने गए रामचंद्र पौडेल, ओली समर्थित सुभाष चंद्र नेमबांग को हराया