नई दिल्ली : नेपाल में आज यानी 20 नवंबर को देशभर में मतदान किया जाएगा. नेपाल में नई सरकार के लिए एक ही चरण में आम चुनाव करवाया जाएगा.देश भर में सभी आवश्यक तैयारी पूरी कर ली गई है. नेपाल आम चुनाव से पहले ही भारत और चीन से लगी सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है. सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त कर ली गई है और दुर्गम इलाकों में भी मतदान की व्यवस्था पूरी है.
संविधान बनने के बाद नेपाल में नए यह दूसरा आम चुनाव है जो 20 नवंबर को होने जा रहा है. दो दिन पहले ही चुनाव प्रचार बंद करवा दिए गए. नेपाल आम चुनाव में मुख्य मुकाबला नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व में रहे सत्तारुढ गठबंधन और प्रतिपक्षी गठबंधन के बीच होने वाला है. इसका नेतृत्व के पी ओली कर रहे हैं. हालांकि इस बार नेपाल में फिर से संवैधानिक राजतंत्र की बहाली और हिंदू राष्ट्र घोषणा की मांग को लेकर चर्चा तेज हैं.
शेरबहादुर देउवा की पार्टी नेपाली कांग्रेस, प्रचण्ड की पार्टी माओवादी केंद्र, माधव नेपाल की यूनीफाइड सोशलिस्ट पार्टी, महन्थ ठाकुर की लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी राजनीतिक केंद्र में हैं. इसी प्रकार के पी ओली के नेतृत्व वाली नेपाल कम्यूनिष्ट पार्टी (यूएमएल), उपेन्द्र यादव के नेतृत्व में जनता समाजवादी पार्टी प्रतिपक्षी गठबंधन में शामिल है. संवैधानिक राजतंत्र और हिंदू राष्ट्र पुनर्स्थापना के मुद्दे पर इस बार राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी भी मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए उतरी है. कई क्षेत्रों में स्वतंत्र उम्मीदवारों की भी चर्चा है.
आज नेपाल आम चुनावों में संघीय संसद प्रतिनिधि सभा के 165 प्रत्यक्ष सीटों के लिए मतदान होगा. साथ ही 110 समानुपातिक सीट के लिए भी वोट डाले जाएंगे. मतदाताओं को किसी एक राजनीतिक दल के चुनाव चिह्न पर मतदान करना होगा. इसी प्रकार सरकार चुनने के लिए मतदाता को अपने-अपने प्रदेश सभा सदस्य को प्रत्यक्ष और समानुपातिक सदस्यों के लिए वोट देना होगा. इन आम चुनावों में करीब 1.80 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले हैं. नेपाल के संघीय संसद की निचली सदन प्रतिनिधि सभा के साथ ही 7 प्रादेशिक सभा के लिए एक साथ वोट पड़ेंगे. दो से तीन दिनों में इन चुनावों का नतीजा आएगा. हालांकि समानुपातिक वोटों (Proportional Votes) की गिनती और परिणाम एक सप्ताह तक सामने होंगे.
निर्वाचन के लिए नेपाल के कई दुर्गम पहाड़ी इलाकों में मतदान सामग्री पहुंचाने का काम किया जा चुका है. नेपाल के पहाड़ी व हिमालयी क्षेत्र में भी कई मतदान केंद्र बनाए गए हैं. करीब एक सप्ताह पैदल चल कर निर्वाचन कर्मचारी यहां पर पहुंच पाए हैं. कई पहाड़ी विकट क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां पर मतदान करने के लिए मतदाताओं को करीब 3 घंटे पैदल चलना पड़ेगा. सुरक्षा की दृष्टि से सभी केंद्रों पर सीसीटीवी फुटेज लगा दिए गए हैं.
सर्वे की बात करें तो इन आम चुनावों में एक दल को बहुमत आने की संभावना नहीं दिखाई दे रही है. कई सर्वे में सत्तारूढ़ गठबंधन को स्पष्ट बहुमत दिखाया गया है लेकिन कुछ सर्वे में दोनों गठबंधनों के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है. प्रधानमंत्री पद को लेकर सत्तारूढ गठबंधन की तरफ से वर्तमान प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउवा और माओवादी के सुप्रीमो प्रचण्ड खुलेआम अपनी दावेदारी जताई है. प्रधानमंत्री पद के एकमात्र दावेदार के पी शर्मा ओली ने अपने पक्ष में बहुमत आने को लेकर लगातार दावे किए हैं. हालांकि चुनाव के बाद देश की सरकार में गठबंधन बदलने की भी चर्चा है.
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