नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को बड़ा झटका लगा है। सत्ताधारी गठबंधन की सहयोगी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और डिप्टी पीएम राजेंद्र लिंगडेन समेत चार मंत्रियों ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस नेता रामचंद्र पौडेल की उम्मीदवारी का सत्तारूढ़ गठबंधन […]
नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को बड़ा झटका लगा है। सत्ताधारी गठबंधन की सहयोगी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और डिप्टी पीएम राजेंद्र लिंगडेन समेत चार मंत्रियों ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस नेता रामचंद्र पौडेल की उम्मीदवारी का सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा समर्थन करने के बाद RPP ने गठबंधन से हटने का फैसला किया है। बता दें कि पौडेल की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए नेपाली कांग्रेस, जनता समाजवादी पार्टी, सीपीएन-माओवादी केंद्र और सीपीएन (एकीकृत समाजवादी) पार्टी सहित 8 दलों ने नया गठबंधन बनाया है।
राजेंद्र लिंगडेन ने अपनी पार्टी RPP को सत्ताधारी गठबंधन से अलग करने के बावजूद अभी तक सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया है। लेकिन अगर उनकी पार्टी समर्थन वापस लेती है तो प्रचंड सरकार पर संकट आ जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि मंत्रिमंडल में लिंगडेन के पास ऊर्जा, सिंचाई और जल संसाधन मंत्रालय था। वहीं, उनकी पार्टी के अन्य तीन मंत्रियों के पास शहरी विकास मंत्रालय, कानून, न्याय और संसदीय कार्य मंत्रालय था।
नेपाल की 275 सदस्यीय संसद में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के पास 14 सीटें हैं। वह प्रतिनिधि सभा में पांचवी सबसे बड़ी पार्टी है। राजेंद्र लिंगडेन से सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग होने के बाद सीपीएन (माओवादी केंद्र) के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रपति पद के लिए नेपाली कांग्रेस के नेता रामचंद्र पौडेल का समर्थन करने की वजह से उनकी सरकार खतरे में आ गई है।
गौरतलब है कि नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए गठबंधन के उम्मीदवार की बजाय विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र पौडयाल का समर्थन किया है। उनके इस ऐलान की वजह से सत्तारूढ़ गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है। बताते चलें कि नेपाल में राष्ट्पति पद का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। एक व्यक्ति केवल दो ही कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति चुना जा सकता है।
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