पाकिस्तान में आने वाली 25 जुलाई में आम चुनाव होंगे जिसमें लोकतांत्रिक तरीके से वोटिंग होगी. ऐसे में चुनाव से ठीक पहले एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में दोषी पाए गए पूर्व पीएम नवाज शरीफ और बेटी मरियम शरीफ लंदन से आते ही लाहौर एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों को अदियाला जेल भेजा गया. ऐसे में आम चुनाव से 13 दिन पहले नवाज शरीफ का बेटी के साथ लाहौर लौटकर गिरफ्तार होना राजनीतिक फैसला भी नजर आ रहा है.
लाहौर. पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं. यह दूसरी बार होगा जब देश में लोकतांत्रिक तरीके से वोटिंग होगी. लेकिन चुनावों से ठीक 13 दिन पहले एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरयम पाकिस्तान लौट आए। नवाज को 10 और मरयम को 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है. लेकिन क्या वाकई नवाज शरीफ लंदन से लाहौर जेल में सजा काटने आए हैं? कुछ दिनों बाद होने वाले चुनावों को देखते हुए तो उनका पाकिस्तान लौटना राजनीतिक फैसला दिखाई पड़ता है।
पाकिस्तान में इस बार लोग दो बातें सोचकर वोट करेंगे. एक धड़ा उन लोगों का है, जिन्हें लगता है कि नवाज शरीफ ने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया और वे निर्दोष हैं। दूसरे धड़े का मानना है कि वे भ्रष्टाचार में शामिल हैं और उन्हें कोर्ट ने सही सजा दी है। अगर इस वक्त पाकिस्तान की आवाम का मूड देखा जाए तो नवाज के भाई शाहबाज काफी पॉपुलर हैं। अगर वे प्रधानमंत्री बनते हैं तो नवाज शरीफ को थोड़ी राहत मिल सकती है। मुमकिन है कि शाहबाज कानूनों में बदलाव कर पीएमएल-एन नेता और मरयम की सजा और कम करा दें। उनके स्वदेश लौटने के और भी कारण हो सकते हैं, जैसे उनके देश में आने से पार्टी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त जोश देखा गया और प्रशासन को उन्हें काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। अगर नवाज देश में न होते तो उनकी पार्टी कैंपेन भी नहीं चला पाती। हो सकता है 2008 में बेनजीर भुट्टो की मौत के बाद जिस तरह उनकी पार्टी को वोट मिले थे, वैसे ही नवाज को भी मिल जाएं।
अगर इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियम रिसर्च (IPOR) के सर्वे की मानें तो इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ और नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज में कांटे की टक्कर होगी। राजनीतिक मामलों के जानकार यह भी कह रहे हैं कि पाकिस्तान में त्रिशंकु सरकार बन सकती है। सर्वे में पता चला है कि भ्रष्टाचार मामले में दोषी पाए जाने के बावजूद लोगों के बीच नवाज की लोकप्रियता कम नहीं हुई है. यह सर्वे 13 जून से 4 जुलाई के बीच किया गया है, जिसमें पाकिस्तान के करीब 3,735 लोगों ने हिस्सा लिया। हालांकि आवाम के बीच इमरान खान की पॉपुलैरिटी में भी इजाफा हुआ है. नवंबर तक इमरान 27 प्रतिशत लोगों की पसंद थे, जो अब 29 प्रतिशत हो चुका है.
जानकारों का मानना है कि इस बार वोट करने वालों की तादाद 10 प्रतिशत बढ़ सकती है। 2013 में हुए चुनावों में जहां 76 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला था, वहीं इस बार यह आंकड़ा 82-85 प्रतिशत हो सकता है. बता दें कि पाकिस्तान में कुल 342 लोकसभा सीटें हैं और बहुमत के लिए 172 सीटों की जरूरत पड़ती है। 2013 के आम चुनावों में नवाज शरीफ की पार्टी ने 166 सीटें जीती थीं, जिसके बाद अन्य पार्टियों के साथ मिलकर उन्होंने सरकार बनाई थी.
लाहौर एयरपोर्ट पर गिरफ्तार हुए पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ और मरियम नवाज शरीफ
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