नई दिल्ली: नासा के पहले स्टेरॉयड का नमूना सात साल की लंबी यात्रा के बाद धरती पर पहुंचा. इन स्टेरॉयड नमूनों को अंतरिक्ष कैप्सूल की मदद से बीते रविवार को यूटा रेगिस्तान में पैराशूट की मदद से उतारा गया. ऐसा पहली बार है जब किसी एस्टेरायड का नमूना धरती पर लाया गया है. बता दें […]
नई दिल्ली: नासा के पहले स्टेरॉयड का नमूना सात साल की लंबी यात्रा के बाद धरती पर पहुंचा. इन स्टेरॉयड नमूनों को अंतरिक्ष कैप्सूल की मदद से बीते रविवार को यूटा रेगिस्तान में पैराशूट की मदद से उतारा गया. ऐसा पहली बार है जब किसी एस्टेरायड का नमूना धरती पर लाया गया है. बता दें ओसिरिस-एक्स अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी के पास से उड़ते हुए इस अंतरिक्ष कैप्सूल को 63,000 मील दूर से छोड़ा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्टेरॉयड नमूनों से भरे अंतरिक्ष कैप्सूल की सफल लैंडिंग के बाद वैज्ञानिको ने खुशी जाहिर की है. इसको लेकर वैज्ञानिको ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन नमूनों की मदद से विज्ञानियों को पृथ्वी और जीवन के निर्माण को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी. साथ ही उन्होंने कहा बेन्नू नाम के स्टेरॉयड से एक कप के बराबर मलबा मिलने का अनुमान है. इसको लेकर नासा द्वारा भी जानकारी दी गई. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार यह पैराशूट अमेरिकी सेना ट्रेनिंग रेंज की धरती पर आया. बता दें कि ओसीरिस-आरईएक्स मिशन पर नासा ने एरिजोना यूनीवर्सिटी के वैज्ञानिको के साथ मिलकर काम किया है.
स्टेरॉयड बेन्नू के अध्ययन करने के लिए साल 2016 में ओसिरिस-आरएक्स ने उड़ान भरी थी. यह लगभग एक बिलियन डॉलर का मिशन है और 2 साल के बाद यह स्टेरॉयड बेन्नू पहुंचा. ओसिरिस-आरएक्स ने साल 2020 में स्टेरॉयड बेन्नू की सतह से चट्टानी टुकड़े को एकत्र किया और उसे लेकर पृथ्वी पर पहुंचा है. बता दें कि ओसिरिस-आरएक्स ने अब तक कुल 6.2 अरब किलोमीटर तक की यात्रा पूरी की है.
महिला आरक्षण बिल पर सरकार को घेरने की तैयारी में कांग्रेस, 21 महिला नेता आज खोंलेंगी मोर्चा