नई दिल्लीः गर्मी की मार झेल रहे लोगों के लिए एक और बुरी खबर सामने आ रही है।जुलाई के महिने में अक्सर बारिश का ही समय होता है लेकिन नासा की एक रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक नासा के टॉप जलवायु विज्ञानी गेविन श्मिट का कहना है कि इस बार का […]
नई दिल्लीः गर्मी की मार झेल रहे लोगों के लिए एक और बुरी खबर सामने आ रही है।जुलाई के महिने में अक्सर बारिश का ही समय होता है लेकिन नासा की एक रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक नासा के टॉप जलवायु विज्ञानी गेविन श्मिट का कहना है कि इस बार का जुलाई महिना 100 सालों का सबसे गर्म महीना हो सकता है। इसका खुलासा यूरोपियन यूनियन और मेन यूनिवर्सिटी में हुई स्टडी से हुआ है।गर्मी बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है जलवायु परिवर्तन। क्लाइमेटोलॉजिस्ट श्मिट ने कहा कि वर्तमान में इसका असर कम है लेकिन आने वाले समय में बढ़ सकता है। अल-नीनो का असर जुलाई में देखने को मिलेगा।
अल नीनो कुछ सालों के अंतराल पर आता रहता है। यह सबसे बड़े महासागर, प्रशांत महासागर में होने वाला एक वेदर ट्रेंड है।इसकी वजह से पूर्वी प्रशांत महासागर के पानी की ऊपरी परत गर्म हो जाती है।वर्ल्ड मीटियरोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन ने बताया कि इस क्षेत्र में फरवरी में औसत तापमान 0.44 डिग्री से बढ़कर जून के मध्य तक 0.99 डिग्री पर आ गया था।क्लाइमेटोलॉजिस्ट श्मिट ने कहा कि वर्तमान में इसका असर कम है लेकिन आने वाले समय में बढ़ सकता है। अल-नीनो का असर साल के आखरी महिनों में देखने को मिलेगा।गेविन श्मिट ने कहा कि जलवायु परिवर्तन बहुत तेजी से हो रहा है।अमेरिका, यूरोप, चीन जैसे देशों में हीटवेव से हालात खराब हो रहे है।तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है।
कई यूरोपियन देशों में तापमान 45 डिग्री तक पहुच चुका है। इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, और पोलैंड में गर्मी को लेकर पहले ही अलर्ट जारी है।स्पेन के कैनरी आइलैंड में तापमान बढ़ने से जंगल में आग लगनी शुरू हो गई है।इटली के रोम और फ्लोरेंस समेत अपने 16 शहरों के लिए हीटवेव की चेतावनी जारी की है।सरकार ने लोगों से सुबह 11 से शाम 6 बजे तक धूप में न निकलने की चेतावनी दी है।चीन में भी हीटवेव का असर है।यहां तापमान रिकॉर्ड 35 डिग्री सेल्सियस पार कर चुकी है।ग्रीस के जंगल में आग लगने का खतरा बढ़ गया है। इससे लगभग दो साल पहले भी जंगल में गर्मी के कारण आग लगी थी।