वॉशिंगटन: अमेरिका ने भारत द्वारा रूस से हथियार खरीदने पर चिंता जताई है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के एक अधिकारी ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह नए हथियार रूस से खरीदता है तो अमेरिकी प्रतिबंधों से विशेष छूट के लिए कोई गारंटी नहीं है.
भारत रूस से एस-400 लॉन्ग रेंज और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसे घातक हथियार खरीद रहा है. रूस के खिलाफ अमेरिका के मौजूदा नियमों के मुताबिक तीसरी दुनिया के देशों को रूसी रक्षा या खुफिया क्षेत्रों के साथ लेनदेन करने पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन डिफेंस सेक्रेटरी जेम्स मैटिस की लॉबिंग के बाद कांग्रेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति और सेक्रेटरी अॉफ स्टेट को यह विकल्प दिया था कि वह अगर किसी को छूट देना चाहें तो दे सकते हैं. वर्तमान में रूस के साथ बिजनेस करने वालों के लिए अमेरिका ने नियम काफी सख्त कर दिए हैं.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय में एशियाई सुरक्षा मामलों के सहायक मंत्री रैंडल स्रीवर ने बुधवार को कहा, ”छूट देने वालों ने माहौल एेसा बनाया है, जिससे यह लगता है कि भारत को इस मामले में छूट ही मिलेगी, चाहे फिर वह कुछ भी करे. लेकिन यह बात भ्रमित करने वाली है. उन्होंने कहा, हम फिलहाल इस चिंता में हैं कि भारत रूस के साथ बड़े रक्षा समझौते कर सकता हैं. मैं आप लोगों को यहां बैठकर यह नहीं बता सकता कि उन्हें छूट मिलेगी या प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी.
बता दें कि स्रीवर ने यह बयान एेसे वक्त पर दिया है, जब एक हफ्ते बाद दिल्ली में अमेरिका और भारत के रक्षा एवं विदेश मंत्रियों की द्विपक्षीय वार्ता होने वाली है. अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस और विदेश मंक्षी माइक पोम्पिओ बातचीत के लिए दिल्ली आएंगे.
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