दुनिया

आज ही के दिन विनाश हुआ नागासाकी, निशाने पर था क्योटो

नई दिल्ली: दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1945 में अमेरिका ने जापान के हौसले पस्त करने के लिए 6 अगस्त को उसके प्रमुख शहर हिरोशिमा पर दुनिया का पहला परमाणु बम गिराया था। इसके तीन दिन बाद यानी 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया। जिससे ये दोनों शहर पूरी तरह से बर्बाद हो गए थे और कई लोगों की मौत हुई।

युद्ध हमेशा सनक और गलत नीतियों का अंजाम होते हैं, जिसमें बेकसूर की लाशें बिछ जाती हैं। हम चर्चा कर रहे है जापान के नागासाकी शहर की जो आज से 77 साल पहले अमेरिका के दूसरे परमाणु बम का शिकार बना था। एक तत्कालीन अमेरिकी मंत्री नहीं चाहते थे कि क्योटो शहर पर विनाश के लिए परमाणु बम गिराया जाए, इसलिए जानबूझकर क्योटो शहर पर निशाना बनाया गया था।

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1945 में अमेरिका ने जापान के बुलंद हौसले पस्त करने के लिए 6 अगस्त को उसके प्रमुख शहर हिरोशिमा पर दुनिया का पहला परमाणु बम गिराया था। इसके तीन दिन बाद यानी 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया। जिससे दोनों शहर बर्बाद हो गए थे और कई लोगों की मौत हुई थी। 4000 डिग्री की गर्मी व आसमान से हुई काली बारिश ने जो मौत का तांडव मचाया उसे देखे पूरी दुनिया दहल गई थी।

आज यानी 9 अगस्त को नागासाकी की तबाही व जापान के क्योटो को बचाने की साजिश के सच पर चर्चा लाजिमी है। 77 साल पहले आज ही के दिन अमेरिकी वायुसेना के B-29 बमवर्षक विमान जापान के कोकुरा शहर पर परमाणु बम गिराने की सोच रहे थे। लेकिन उस दिन बादलों की वजह से शहर बच गया। बादलों व आसमान पर छाए विमानों के धुएं से इन विमानों को कोकुरा नहीं दिखा। इस वजह से उन्हें बम गिराने का ठिकाना बदलना पड़ा। अमेरिकी बमवर्षक ने सूची के अगले शहर क्योटो की स्थान पर नागासाकी का रुख किया और सुबह 11 बजकर 2 मिनट पर नागासाकी पर दूसरा और दुनिया का अब तक का अंतिम परमाणु बम वहां गिरा दिया।

इसलिए बच गया था क्योटो

हिरोशिमा के बाद कोकुरा और क्योटो पर बम गिराने की प्लान था, लेकिन तत्कालीन अमेरिकी युद्ध मंत्री हेनरी एम स्टिमसन ने क्योटो को बचा लिया और नागासाकी पर बम गिरा दिया। कहा जाता है कि 1920 के दशक में स्टिमसन ने क्योटो में हनीमून मनाया था। वह चाहते थे कि उनकी अमिट यादों के शहर को तबाही से बचाया जाए। तत्कालीन युद्ध मंत्री हेनरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रूमैन को क्योटो को बचाने की गुहार लगाई। र्ट्रूमैन उनकी बात मानकर और क्योटो पर बम गिराने की निचली पंक्ति में नाम रख दिया गया। इस वजह से क्योटो बच गया, लेकिन उसकी जगह नागासाकी बर्बाद हो गया।

राजस्थान: खाटू श्याम मेले में भगदड़, 3 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल

Deonandan Mandal

Recent Posts

दिल्ली में प्रदूषण के आंकड़ों में हेरफेर! iTV सर्वे में लोग बोले- असलियत ज्यादा भयावह

दिल्ली की जहरीली हवाओं ने लोगों का सांस लेना दूभर कर दिया है. इस बीच…

58 minutes ago

सेंट्रल जेल में कैदी आराम से कर रहा मोबाइल पर बात, वीडियो वायरल

एक कैदी जेल के गलियारे में आराम से बैठकर मोबाइल फोन पर बात करता नजर…

2 hours ago

घर पर बनाये बजार जैसा टेस्टी टोमेटो सॉस, जानें यहां रेसिपी

नई दिल्ली: बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी को टमाटर की चटनी खाना पसंद है.…

4 hours ago

राम चरण ने निभाया एआर रहमान से किया वादा, कहा- दरगाह से है गहरा नाता

हाल ही में राम चरण ने एआर रहमान से किया अपना वादा निभाया है. संगीतकार…

5 hours ago

असिस्टेंट लोको पायलट के लिए कब जारी होगा एडमिट कार्ड ?

रेलवे भर्ती बोर्ड ने 28 नवंबर को होने वाली असिस्टेंट लोको पायलट भर्ती परीक्षा के…

5 hours ago

दिल्ली की जहरीली हवा में सांस लेना 50 सिगरेट फूंकने के बराबर, घर से निकलते समय इन बातों का रखें खास ख्याल

नई दिल्ली:बढ़ती गंभीर वायु गुणवत्ता का मतलब यह भी है कि यह एक व्यक्ति के…

5 hours ago