मुस्लिम ने पहले किया सरकार के खिलाफ हिंसा, अब हिंदू ने खोला मोर्चा, 72 घंटे का दिया समय

नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय एक बार फिर सड़कों पर नजर आए, जहां उन्होंने सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. इस प्रदर्शन का मुख्य कारण हिंदू नेताओं पर लगाए गए फर्जी मुकदमे हैं। हाल ही में मोहम्मद यूनुस की सरकार ने 19 हिंदू नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का […]

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मुस्लिम ने पहले किया सरकार के खिलाफ हिंसा, अब हिंदू ने खोला मोर्चा, 72 घंटे का दिया समय

Zohaib Naseem

  • November 3, 2024 10:22 am Asia/KolkataIST, Updated 3 weeks ago

नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय एक बार फिर सड़कों पर नजर आए, जहां उन्होंने सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. इस प्रदर्शन का मुख्य कारण हिंदू नेताओं पर लगाए गए फर्जी मुकदमे हैं। हाल ही में मोहम्मद यूनुस की सरकार ने 19 हिंदू नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का मामला दर्ज किया है, जिससे समुदाय में गहरी नाराजगी है।

 

अधिकारों की मांग की

 

बता दें कि बांग्लादेश में 4 अगस्त से अब तक हिंदुओं पर हमलों के 2,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। इसके बावजूद, सरकार इन हमलों को रोकने में विफल रही है, जिससे कट्टरपंथियों के प्रति उसकी ढिलाई के लिए आलोचना हो रही है। हिंदू नेताओं का आरोप है कि सरकार ने सुरक्षा देने की बजाय उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया है. चटगांव की सड़कों पर 30,000 से अधिक हिंदू एकजुट हुए और अपने अधिकारों की मांग की. उन्होंने अंतरिम सरकार से हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने की अपील की है. प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए और समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।

 

लगातार हमले हो रहे

 

मोहम्मद यूनुस की सरकार द्वारा लगाए गए फर्जी मुकदमों का हिंदू समुदाय ने विरोध किया है. चेर्नी बाजार चौराहे पर हजारों की संख्या में लोग जुटे और अपने हक के लिए आवाज बुलंद की. हालांकि उनका कहना है कि पिछले कुछ महीनों में हिंदू मंदिरों और कार्यक्रमों पर लगातार हमले हो रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. बांग्लादेश सरकार ने अब तक 19 हिंदू नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिनमें से दो को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. वहीं इनमें हिंदू धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी भी मौजूद हैं, जो अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों के लिए मुखर रहे हैं।

 

चिंता व्यक्त की

 

उन पर चटगांव में एक प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने का आरोप लगाया गया है. चिन्मय कृष्ण दास ने कट्टरपंथियों को सीधी चुनौती देते हुए कहा था कि उनका आंदोलन किसी सरकार या पार्टी के खिलाफ नहीं है.
वह केवल बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा चाहते हैं। इस्कॉन संस्था से जुड़े होने के कारण भारत में भी उनकी गिरफ्तारी को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है. अब देखना यह है कि क्या बांग्लादेश सरकार 72 घंटे के भीतर कोई कदम उठाती है या हिंदू समुदाय अपना आंदोलन तेज करता है। प्रदर्शनकारियों की एकजुटता दर्शाती है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखने के लिए तैयार हैं।

 

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